नई दिल्ली (एजेंसी)। लद्दाख की गलवां घाटी में सोमवार रात चीनी सैनिकों के साथ हिंसक टकराव में सेना के सीओ रैंक के एक अधिकारी समेत 20 जवान शहीद हो गए। दिनभर चले घटनाक्रम के बाद देर रात सेना से 20 जवानों के शहीद होने की पुष्टि की। सीमा पर हुए इस संघर्ष में चीन के भी 43 सैनिक हताहत हुए हैं। इनमें कईयों के मरने की भी खबर है। इस घटना के बाद पूरे इलाके में सेना ने सतर्कता तथा चौकसी बढ़ा दी है।
बता दें कि चीन सीमा पर 45 साल बाद इस तरह की घटना हुई है। इससे पहले 1975 में अरुणाचल प्रदेश में तुलुंग ला में संघर्ष हुआ था जिसमें चार जवान शहीद हुए थे। भारतीय और चीनी सेना के बीच पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील, गलवान घाटी डेमचोक और दौलतबेग ओल्डी में तनाव चल रहा है। बड़ी संख्या में चीनी सैनिक वास्तविक सीमा पर पैंगोंग झील सहित कई भारतीय क्षेत्रों में घुस आए थे। भारत ने इसका कड़ा विरोध करते हुए चीनी सैनिकों को इलाके में शांति बहाल करने के लिए तुरंत पीछे हटने के लिए कहा। दोनों देशों के बीच इस विवाद को सुलझाने के लिए बीते कुछ दिनों में कई बार बातचीत भी हुई।
तीन घंटे चली हिंसक झडप
समाचार एजेंसी के अनुसार गलवां में भारतीय सैनिकों के साथ चीनी सैनिकों की हिंसक झड़प तीन घंटे चली। इस हिंसक झडप में 20 जवान शहीद हुए लेकिन सेना ने तीन जवानों के शहीद होने की पुष्टि की। दोपहर बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सीडीएस बिपिन रावत के साथ बैठक की। इधर भारतीय सेना का बयान आया कि डी-एस्केलेशन प्रक्रिया के दौरान हिंसक झड़प में दोनों तरफ नुकसान हुआ। रात को सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक हुई। इसके बाद देर रात करी 10 बजे सेना ने 20 जवानों की शहादत की पुष्टि की।