मुंबई (एजेंसी)। महाराष्ट्र के बुलढाणा में पुलिस और डॉक्टरों ने ऐसा काम किया है जिसकी हर ओर चर्चा है। दरअसल महाराष्ट्र पुलिस ने एक खिलौने का नवजात का शव समझ लिया और पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया। कमाल की बात यह है कि अस्पताल में डॉक्टर भी समझ नहीं पाए कि यह नवजात का शव नहीं बल्कि खिलौना है। पीएम के लिए जैसे ही डॉक्टरों ने चीरफाड़ शुरू की तो अंदर से स्पंज व कपास निकलने लगे तब जाकर इन्हें पता चला कि यह खिलौना है।
मिली जानकारी के अनुसार बुलढाणा जिले के खामगाव तालुका स्थित बोर के पास एक नदी के किनारे कपड़े में एक नवजात का शव फेंके जाने की सूचना मिली। इस पर पिंपलगांव राजा पुलिस बोरजवाला गांव मे नदी के किनारे मौके पर पहुंची। पुलिस ने शव का पंचनामा किया और नवजात का शव अपने कब्जे में लेकर खामगाव के अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस की तरह ही अस्पताल की कार्यशैली में लापरवाही सामने आई है। पोस्टमार्टम के समय जब उसकी चीरफाड़ की गई तो उसमें से कपास व स्पंज निकाला। इसके बाद पता चला कि यह नवजात का शव नहीं बल्कि खिलौना है। यह घटना जिले भर में चर्चा का विषय बन गई है।
मामले ने पुलिस ने स्पष्टिकरण देते हुए बताया कि नवजात का शव होने की सूचना पर पहुंचे थे। कीचड़ में सने होने के कारण वह नवजात बच्चे का शव ही दिखाई दे रहा था। पोस्टमार्टम के समय शरीर में से कपास और स्पंज निकलने के बाद समझ में आया कि वह मानव शरीर नही बल्कि गुडिय़ा है।