मुजफ्फरपुर (एजेंसी)। नेपाल के साथ-साथ तराई क्षेत्रों में हुई बारिश से नदियों का जलस्तर फिर बढऩे लगा है। उत्तर बिहार में बाढ़ की स्थिति अब भी गंभीर बनी हुई है। चंपारण, मुजफ्फरपुर और मिथिलांचल के इलाके में अभी स्थिति सामान्य नहीं होने से बाढ़ पीडि़तों की परेशानी बढ़ी हुई है।
पूर्वी चंपारण में गंडक व बूढ़ी गंडक के पानी कई प्रखंडों में तबाही जारी है। जिले के दस प्रखंड बाढग़्रस्त हो चुके हैं जिससे करीब दो लाख की आबादी प्रभावित है। मंगलवार को गंडक में वाल्मीकिनगर बराज से करीब ढाई लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जिससे जलस्तर में और बढ़ोतरी की संभावना है। पश्चिम चंपारण में सिकरहना (बूढ़ी गंडक) का जलस्तर एक बार फिर बढऩे लगा है। मझौलिया में दो दिन पूर्व तीन जगह से टूटे जमींदारी बांध से पंचायतों में लगातार पानी फैल रहा है। सीतामढ़ी में भी नदियों का जलस्तरी बढ़ा है और जलजमाव के कारण शहर से गांव तक स्थिति गंभीर बनी हुई है। तटबंधों पर भारी दबाव है। इसे देखते हुए जल संसाधन विभाग व जिला प्रशासन की टीम अलर्ट है।
मुजफ्फरपुर में बूढ़ी गंडक में उफान से शहर व आसपास के क्षेत्रों पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। पहले से ही शहर के निचले इलाके जलमग्न हैं। लखनदेई का बांध टूटने के बाद बड़ी संख्या में लोग बाढ़ के पानी में फंसे हैं। जिले के 16 में से 13 प्रखंड बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं। लखनदेई का बांध टूटने के बाद बडग़ांव में करीब दो सौ लोग बाढ़ के पानी में फंस गए हैं। जिले में बागमती, गंडक, लखनदेई, मनुषमारा व बूढ़ी गंडक में ऊफान जारी है। जल संसाधन विभाग के अनुसार बूढ़ी गंडक खतरे के निशान से करीब एक मीटर ऊपर है। नदी का पानी शहर के आसपास के इलाके मिठनसराय में फैल गया है। मिठनसराय से लेकर शहर के चारों तरफ सैकड़ों लोगों ने बांध व एनएच पर शरण ले लिया है।
दरभंगा में दरभंगा-समस्तीपुर एसएच पर रक्सी पुल के पास अब भी पानी बह रहा है। वहीं दरभंगा-जयनगर एनएच 527बी पर पानी चढ़ा हुआ है। जिले के 12 प्रखंड बाढग़्रस्त हो चुके हैं और कई पावर सबस्टेशन में पानी घुसने के बाद बिजली आपूर्ति भी चरमरा गई है। बागमती नदी के सिरनिया-सिरसिरया तटबंध में रिसाव को फिलहाला मरम्मत से रोक लिया गया है, लेकिन खतरा बना हुआ है।