कोरोना से निपटने में जन सहयोग आवश्यक : आन्द्रा वामसी
झांसी । अमर शहीद श्री गणेश शंकर विद्यार्थी पत्रकारिता उन्नयन समिति तथा हिंदी समाचार पत्र सम्मेलन, लखनऊ के संयुक्त तत्वाधान मे श्री गणेश शंकर विद्यार्थी पत्रकार भवन में राष्ट्रीय प्रेस दिवस का आयोजन जिलाधिकारी आंद्रा वामसी के मुख्य आतिथ्य,संयुक्त आयकर आयुक्त अंकुर अलिया के विशिष्ट आतिथ्य में मनाया गया।
कार्यक्रम में भारतीय प्रेस परिषद की 1966 में स्थापना से लेकर अब तक के सफर पर विस्तार से प्रकाश डाला गया। इस अवसर पर कोरोना काल में पत्रकारों की भूमिका पर संगोष्ठी का भी आयोजन किया गया। संगोष्ठी को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि जिलाधिकारी आंद्रा वामसी ने कहा कि कोरोना काल के दौरान झांसी के पत्रकारों की भूमिका बेहद सकारात्मक रही है। उन्होंने कहा कि यदि मीडिया ने सहयोग नहीं किया होता तो लाखों की संख्या में आने वाले प्रवासियों का प्रबंधन प्रशासन नहीं कर सकता था। सभी के समन्वित प्रयास से कोरोना काल के संकट से अब तक सफलतापूर्वक निपटा जा सका है और आगे भी यह प्रयास जारी है।
उन्होंने अपेक्षा की कि जिस तरह से झांसी के पत्रकारों ने सकारात्मक तथा रचनात्मक सहयोग दिया है, वह आगे भी देते रहेंगे। जिलाधिकारी ने इस बात पर विशेष जोर दिया कि यदि जब भी कभी किसी हित की बात हो तो जनहित सबसे ऊपर होना चाहिए।
संगोष्ठी के विशिष्ट अतिथि ललितपुर निवासी, बुंदेलखंड के वरिष्ठ पत्रकार स्वर्गीय श्री ज्ञानचंद्र अलया के पौत्र तथा चंडीगढ़ में संयुक्त आयकर आयुक्त के पद पर कार्यरत अंकुर अलया रहे। उन्होंने अपने दादाजी के पत्रकारिता के कार्यकाल के संस्मरण सुनाए।
संगोष्ठी में उत्तर प्रदेश विज्ञापन मान्यता समिति के पूर्व अध्यक्ष, श्री गणेश शंकर विद्यार्थी पत्रकार भवन के अध्यक्ष तथा वरिष्ठ पत्रकार कैलाश चंद्र जैन ने जिलाधिकारी की कार्यप्रणाली की सराहना करते हुए कहा कि पत्रकारों के सहयोग से तथा उनके प्रयासों से कोरोना एक दिन हारेगा लेकिन उनकी कार्यप्रणाली को याद रखा जाएगा।
वरिष्ठ पत्रकार मोहन नेपाली ने कहा कि पत्रकारिता सर्वश्रेष्ठ यज्ञ है। पत्रकार तमाम परिस्थितियों में अपने कामों को अंजाम देता है और उसका तप ही समाज को नई दिशा दशा प्रदान करता है। उन्होंने नई पीढ़ी से अपेक्षा की कि वह अपने कर्तव्य पालन में पूर्ण समर्पण भाव दिखाएगी।
संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए भारतीय प्रेस परिषद के सदस्य तथा दैनिक विश्व परिवार रायपुर के संपादक प्रदीप कुमार जैन ने भारतीय प्रेस परिषद की कार्यप्रणाली के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि प्रति वर्ष भारतीय प्रेस परिषद लगभग 12 सौ प्रकरण प्रेस से संबंधित सुनती है। उन्होंने कहा कि परिषद की स्थापना का उद्देश्य प्रेस की सुरक्षा एवं उसके उत्थान हेतु सजग प्रहरी के रूप मे कार्य करना है । कोरोना काल के दौरान पत्रकारों ने जिस तरह से अपनी भूमिका का निर्वाह किया है, उसकी प्रशंसा जितनी भी की जाए, वह कम है।
भारतीय प्रेस परिषद ने पत्रकारों की सुरक्षा के लिए कानून बनाए जाने तथा कोरोना काल के दौरान पत्रकारों की कम हुई सुविधाओं की फिर से बहाल किए जाने के संबंध में भारत सरकार को संस्तुति की है। उन्होंने कहा कि पत्रकार समाज का आईना होता है, इसलिए पत्रकारों को बेहद सावधानी पूर्वक अपने कर्तव्यों का निर्वाहन करने की आवश्यकता है। समाचार में जब विचार मिल जाते हैं, तब विकृति आ जाती है। इस स्थिति से पत्रकारों को बचने की आवश्यकता है, ताकि समाज को सही तथा सकारात्मक जानकारी पहुंच सके।
प्रारम्भ में हिन्दी समाचार पत्र सम्मेलन की राष्ट्रीय महामंत्री सुश्री सुमन गुप्ता, लखनऊ द्वारा प्रेषित संदेश को प्रसारित किया गया जिसमें उन्होंने कोरोना काल में प्रेस को सरकार एवं प्रशासन की अपर्याप्त सुविधाओं का जिक्र किया।
संगोष्ठी को वरिष्ठ पत्रकार तथा ईटीवी के संवाददाता लक्ष्मी नारायण शर्मा, स्वदेश के संपादक श्याम जी मिश्रा, बुंदेलखंड प्रेस वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष शीतल प्रसाद तिवारी, रेड क्रॉस सोसाइटी के कोषाध्यक्ष मनमोहन मनु, संयुक्त मीडिया क्लब के केंद्रीय महासचिव दीपक चंदेल, झांसी मीडिया क्लब के अध्यक्ष मुकेश वर्मा प्रकाश गुप्ता शैलेंद्र जैन,करगुवा जी तीर्थ मंत्री सुभाष जैन सत्यराज, शहबाज अली, कमलेश बिहारी पांडे, सूरज सिंह यादव, भगवान दास प्रजापति, गौरव तिवारी सुरेश तिवारी डॉक्टर जिनेंद्र जैन, प्रभात सक्सैना राहुल नायक, अमित प्रधान गजेंद्र कुमार गौतम गौरव शर्मा डा जयेश, चंद्रशेखर पांडेय, आदि सहित तमाम वक्ताओं ने संबोधित करते हुए कोरोना काल के दौरान पत्रकारों द्वारा किए गए कार्यों के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला।
संगोष्ठी का संचालन वरिष्ठ पत्रकार प्रवीण कुमार जैन ने किया। राष्ट्रीय सहारा के पत्रकार राजेश चौरसिया ने सभी का आभार व्यक्त किया। अंत में जिलाधिकारी आंद्रा वामसी एवं श्री अंकित जैन को हिन्दी समाचार पत्र सम्मेलन, लखनऊ के द्वारा कोरोना काल में उनकी सजगता के लिए राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर सम्मानित किया गया।