भिलाई। सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र द्वारा किए जा रहे समग्र सामाजिक कार्यों सेे रावघाट के दूर वनांचल क्षेत्र के आदिवासी बेटियों के जीवन में एक नये सूर्य का उदय हुआ है। उनके सपनों को बीएसपी के प्रयासों से इनके सपनों को नये पंख मिले और ये बालिकायें आज जीवन की नई ऊंचाईयां छूने के लिए तैयार है। रावघाट और आस-पास के क्षेत्रों के कई आदिवासी परिवारों और उनकी बेटियों के लिए, सेल-भिलाई स्टील प्लांट की कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) की योजनाएँ इसके माइन्स के आसपास के क्षेत्रों में एक आशीर्वाद के रूप में फलित हुई हैं। इन परिवारों के लिए, उज्ज्वल भविष्य के दरवाजे खोल दिए।
सेल-बीएसपी द्वारा रावघाट के रहवासियों के लिए कई सामाजिक योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। ऐसी ही एक योजना है आदिवासी बालिकाओं को गोद लेकर निशुल्क नर्सिंग शिक्षा प्रदान करना। प्रतिवर्ष सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र नर्सिंग क्षेत्र में उच्च शिक्षा के लिए आदिवासी लड़कियों को गोद ले रहा है। सेल-बीएसपी की माइन्स सीएसआर गतिविधियों के तहत रावघाट के आसपास के क्षेत्र की 20 आदिवासी लड़कियों को हर साल बीएसपी द्वारा नि:शुल्क नर्सिंग शिक्षा देने हेतु गोद लिया है। इन आदिवासी कन्याओं का सम्पूर्ण खर्च भिलाई इस्पात संयंत्र द्वारा वहन किया जाता है। वर्तमान में बीएसपी द्वारा गोद लिए गए कुछ छात्राएं भिलाई के अस्पताल सेक्टर स्थित पी.जी. कॉलेज ऑफ नर्सिंग, तथा अंजोरा, दुर्ग के अपोलो कॉलेज में बीएससी (नर्सिंग) की शिक्षा प्राप्त कर रही है।
रावघाट के 181 आदिवासी बालिकाओं ने उठाया लाभ
सेल-बीएसपी की सीएसआर योजना के तहत नि:शुल्क नर्सिंग शिक्षा हेतु दो बालिकाओं का चयन किया जाता था। परंतु बीएसपी प्रबंधन ने इस क्षेत्र के परिवारों के विकास हेतु इस योजना का विस्तार किया और आज प्रतिवर्ष 20 बालिकाओं को नि:शुल्क नर्सिंग शिक्षा प्रदान किया जा रहा है। वर्ष 2007 में प्रारंभ इस योजना का अब तक रावघाट के 181 आदिवासी बालिकाओं ने लाभ उठाया है। आज सेल-बीएसपी द्वारा प्रदत्त इस नि:शुल्क नर्सिंग शिक्षा ने इन आदिवासी बालाओं के जीवन में परिवर्तन की नई रश्मियाँ बिखेरी है। आज बीएसपी के इन प्रयासों से कई छात्राओं ने अपनी पढ़ाई पूर्ण कर रोजगार हासिल कर चुकी है। वर्तमान में कई छात्रायें नर्सिंग कॉलेज में शिक्षा ग्रहण कर रही है। इस क्रम में हमने भिलाई के पी.जी.कॉलेज ऑफ नर्सिंग में बीएससी नर्सिंग की पढ़ाई करने वाली कुछ लड़कियों से बात की।
बीएसपी ने मेरे जीवन की दिशा बदल दी- सुमंती
पीजी कॉलेज ऑफ नर्सिंग, भिलाई की छात्रा व नारायणपुर के बिंझली गाँव की सुमंती कुमेती बताती है कि उन्हें विज्ञान विषय में भविष्य की संभावनाओं के बारे में नहीं पता था। मुझे नर्सिंग में कैरियर प्रारंभ करने के लिए बीएसपी अधिकारियों ने प्रेरित किया। उन्होंने जानकारी दी कि इस मंहगें कोर्स का सम्पूर्ण खर्च बीएसपी उठाएगी। उनके परिवार को कोई भी आर्थिक बोझ नहीं पड़ेगा। बीएसपी के मांइस-सीएसआर विभाग के कर्मचारियों ने रावघाट क्षेत्र में उनके घर का दौरा किया, उनके माता-पिता को आश्वस्त किया तब जाकर उनका परिवार इस योजना का लाभ उठाने के लिए तैयार हुआ। बीएसपी ने मेरे जीवन की दिशा बदल दी।
बीएसपी ने मेरे सपने को पंख दिए- दीपिका
अंतागढ़ में अपनी स्कूली पढ़ाई पूरी करने वाली सुश्री दीपिका रामटेके ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि बीएसपी के सीएसआर विभाग ने बीएससी नर्सिंग के फायदे बताए और बीएसपी के नि:शुल्क नर्सिंग शिक्षा के योजना का विस्तृत उल्लेख किया। उन्होंने इससे पूर्व इस योजना का लाभ उठाकर रोजगार प्राप्त करने वाले हमारे क्षेत्र के कई बालिकाओं की सफलता की कहानी बताई। मेरी बड़ी बहन जिन्होंने नर्सिंग का कोर्स किया है, ने भी मुझे जागरूक किया। इस प्रकार बीएसपी ने मेरे सपने को पंख दिए।
मेरे ख्वाईश को तराशा है बीएसपी ने-सुखमती
बीएसपी के इस प्रयास ने अबुझमाड़ के जंगलों में भी दस्तक दी है। नारायणपुर में रामकृष्ण मिशन द्वारा संचालित स्कूल की पूर्व छात्रा सुखमती नेताम भी बीएसपी के प्रयासों की खुले दिल से प्रशंसा करते हुए बताया कि उनके पिता अबुझमाड़ में रहते हैं और पेशे से किसान हैं। उनके लिए मुझे उच्च शिक्षा प्रदान करना एक दिवा स्वप्न मात्र है। अगर बीएसपी का साथ नहीं मिलता तो मै आज यहाँ नहीं होती। मेरे ख्वाईश को तराशा है बीएसपी ने। मै दिल से धन्यवाद देती हूँ।
बीएसपी की मदद से मिला रोजगार
नारायणपुर की रीमा दुग्गा भी खुश हैं कि उन्हें भिलाई में अपनी उच्च शिक्षा हासिल करने का मौका मिला। नारायणपुर की निवासी नेहा जायसवाल भी बताती हैं कि उनके इलाके में रेलवे क्रॉसिंग से आगे बढऩा एक समय के लिए अकल्पनीय था। हमें अब आगे के अध्ययन का यह सुनहरा अवसर मिला है, उन्होंने कहा कि बीएसपी के अधिकारियों को उनके और उनकी बड़ी बहन के सपनों को पूरा करने में मदद करने और उनका मार्गदर्शन करने के लिए धन्यवाद। कॉलेज से पास आउट होने के बाद, उसकी बड़ी बहन बचेली में नर्स के रूप में काम रही है। वह कहती हैं कि हमें पढ़ाई, हॉस्टल में रहने की सुविधा के साथ-साथ बीएसपी प्रबंधन द्वारा मेडिकल ट्रीटमेंट भी मिलता है।
बीएसपी ने आगे बढऩे का दिया पर्याप्त अवसर – सरस्वती
सरिता उसेंडी बताती है कि उन्होंने बीएसपी की मदद से वर्ष 2018 में अपनी बीएससी पूर्ण की। इन्होंने नर्सिंग कोर्स के दौरान राजनांदगांव, कोंडागांव और जिला अस्पताल, बीजापुर में इंटर्नशिप की। सरिता कहती है कि वे नर्सिंग स्ट्रीम में,एम.एससी और पीएचडी करना चाहती है। नारायणपुर के खड़का गाँव की सरस्वती दुग्गा ने भी पिछले साल बीएससी नर्सिंग का कोर्स पूर्ण किया और वर्तमान में वह बीएसपी के जेएलएन अस्पताल और रिसर्च सेंटर में इंटर्नशिप कर रही हैं। उसने कहा कि हमारी इंटर्नशिप के दौरान सब कुछ सीखने का पर्याप्त अवसर है। मैंने सर्जरी, चिकित्सा और कोविड वार्ड में काम किया है। उन्होंने कहा कि मेरा सपना एम्स में पढ़ाई करने और सरकारी नौकरी करने का है।
बीएसपी की आजीवन आभारी रहुंगी-रीता
नारायणपुर के मेहका की रीता कुमेती बताती हैं कि उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि वह नर्सिंग की पढ़ाई कर नारायणपुर के जिला अस्पताल में काम करेगी। मेरे जीवन का सबसे अच्छा समय पीजी कॉलेज ऑफ नर्सिंग, भिलाई में बिताया गया। वर्तमान में नारायणपुर में कोविड वार्ड में तैनात हैं, उन्होंने कहा कि आज वो जो कुछ भी है बीएसपी के सहयोग के कारण है। मै बीएसपी का आजीवन आभारी रहूँगी।
बीएसपी का यह प्रयास, जगा रहा है आस
बीएसपी के सहयोग से ये नर्सिंग छात्राएं, प्रिंसिपल डॉ अभिलाषा बिस्वाल और उप-प्रिंसिपल डॉ श्रीलेथा पिल्लई के मार्गदर्शन में अपना भविष्य गढ़ रहे हैं। ये छात्राएं बताती है कि इस कॉलेज में सीखने के लिए उपयुक्त माहौल के साथ, पेशेवर शिक्षक और अतिरिक्त पाठ्येतर गतिविधियाँ संचालित है। साथ ही हमें राष्ट्रीय स्तर के सम्मेलनों में भाग लेने के लिए भी तैयारी कराई जाती है। हमारे शिक्षा के साथ-साथ समग्र विकास का पूरा खयाल रखा जाता है। छात्रावास की वार्डन सुश्री सुषमा माणिक लड़कियों के लिए उत्कृष्ट सेट-अप के संदर्भ में बताती हैं कि यहां से पास होने वाले छात्र सेल-भिलाई के जेएलएन अस्पताल और आरसी में इंटर्नशिप कर रहे हैं और कुछ नारायणपुर क्षेत्र में नर्स के रूप में सेवा प्रदान कर रहे हैं। बीएसपी का यह प्रयास रावघाट के बालिकाओं के जीवन में नया रंग भर रहा है।