अयोध्या (एजेंसी)। श्रीरामजन्मभूमि पर भव्य राममंदिर निर्माण के लिए मकर संक्रांति से चल रहे निधि समर्पण अभियान का शनिवार को समापन हो गया। निधि समर्पण अभियान में देश के हर वर्ग के लोगों ने राममंदिर के लिए दिल खोलकर दान दिया है। अभियान में अब तक मिले 2100 करोड़ रुपए एकत्र हुए हैं। अब श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट विदेशों में भी राममंदिर के लिए निधि समर्पण अभियान चलाने की योजना बना रहा है। इसका निर्णय ट्रस्ट की अगली बैठक में लिया जाएगा।
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंददेव गिरि ने बताया कि राममंदिर निर्माण के लिए चल रहे निधि समर्पण अभियान का समापन माघ पूर्णिमा 27 फरवरी को हो गया है। कोषाध्यक्ष गोविंददेव गिरि ने बताया कि पूरब से पश्चिम तक, उत्तर से दक्षिण तक हर वर्ग के लोगों ने राममंदिर निर्माण के लिए दिल ऐच्छिक समर्पण दिया है।
यहां तक कि बड़ी संख्या में देश के मुस्लिम समाज के लोगों ने भी राममंदिर निर्माण के लिए अपना सहयोग दिया। उन्होंने कहा कि विदेश में रहने वाले रामभक्तों का काफी दवाब है कि उनके लिए भी कुछ इस तरह की योजना बनाई जाए। ऐसे में विदेशी रामभक्त भी राममंदिर के लिए अपना सहयोग दे सकें इसको लेकर विचार-विमर्श चल रहा है। ट्रस्ट की अगली बैठक में इसको लेकर चर्चा की जाएगी, उम्मीद है कि सकारात्मक परिणाम आएगा।
अभियान में अब तक मिले 2100 करोड़
-कोषाध्यक्ष गोविंददेव गिरि ने बताया कि राममंदिर के निधि समर्पण अभियान में अब तक 2100 करोड़ की धनराशि एकत्रित हो चुकी है। बताया कि अभी करोड़ों के चेक क्लीयरिंस में लटके हैं ऐसे में पूरी उम्मीद है कि अभी कई करोड़ की धनराशि सहयोग में प्राप्त होगी। बताया कि अब घर-घर जाकर निधि समर्पण मांगने का अभियान समाप्त कर दिया गया है। जिनके पास कूपन बचे हैं उनसे वापस लिया जा रहा है।
इकबाल अंसारी ने किया निधि समर्पण
राममंदिर के मुस्लिम पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने निधि समर्पण अभियान के अंतिम दिन ऐच्छिक समर्पण देकर सद्भाव का संदेश दिया। निधि समर्पण अभियान प्रमुख धीरेश्वर वर्मा व संघ के अनिल ने इकबाल अंसारी के आवास पर जाकर कूपन कटाया। उन्होंने अपने पिता हाशिम अंसारी, पत्नी मुन्नी बेगम, बेटी शमा परवीन, व बेटे जहरूद्दी के नाम भी कूपन कटवाया है।
इस अवसर पर इकबाल अंसारी ने कहा कि हमारा मजहब कहता है कि सभी धर्मों का सम्मान करो। दान देने की परंपरा सभी धर्मों में हैं, इसमें कोई धर्म की बाध्यता नहीं है। पूरे हिंदुस्तान से राममंदिर के लिए दान दिया गया लेकिन कोई विवाद नहीं हुआ। राममंदिर बन रहा है हमें खुशी है। राममंदिर बनने से अयोध्या की तरक्की का मार्ग प्रशस्त हो रहा है।