जैसलमेर (एजेंसी)। राजस्थान की राजनीति में सियासी उठापटक अभी भी जारी है। इस विवाद को जारी रहते हुए 26 दिन हो गए हैं लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकला है। ऐसी जानकारी मिली कि कांग्रेस के बागी विधायकों ने आलाकमन को संदेश भेजा है कि अगर राज्य में किसी तीसरे चेहरे की सीएम के तौर पर वापसी होती है तो वो पार्टी में लौट आएंगे।
मीडिया रिपोट्र्स में दावा किया गया है कि बागी विधायकों ने कहा कि वो राज्य में अब ना सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनते देखना चाहते हैं और ना ही अशोक गहलोत को। ऐसे में आलाकमान राज्य के लिए किसी तीसरे का नाम दे दें तो पार्टी में वापसी की जा सकती है। हालांकि राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी अविनाश पांडे ने इस तरह की सूचना का खंडन किया है।
अविनाश पांडे ने कहा कि आलाकमान को इस तरह का कोई संदेश नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि पार्टी में वापसी के लिए किसी तरह की शर्त नहीं रखी जाती और बागी विधायकों को पहले आलाकमान से माफी मांगनी होगी। इसके अलावा आज हाईकोर्ट में होटलों में बंद विधायकों के बीच तीन याचिकाओं पर सुनवाई होगी।
इन तीनों याचिकाओं में पहली याचिका गहलोत और पायलट गुट के विधायकों के वेतन और भत्ते रोकने की मांग से जुड़ी है। अर्जी दायर करने वाले विवेक सिंह जादौन का कहना है कि कोरोना वायरस की वजह से राज्य की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं है और विधायक अपनी जगहों पर रुकने की बजाय होटलों में ठहर रहे हैं।
दूसरी याचिका सचिन पायलट के खेमे के विधायक भंवरलाल शर्मा की है। उन्होंने विधायकों की खरीद फरोख्त मामले में एसओजी के एफआईआई रद्द कराने के लिए याचिका दायर की है। इसके अलावा तीसरी राज्यपाल की ओर विधानसभा सत्र ना बुलाने को लेकर लगाई गई याचिका है, हालांकि अब राज्यपाल ने 14 अगस्त को विधानसभा सत्र शुरू करने का आदेश दे दिया है।
इसके अलावा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान में सरकार गिराने की तीन बार कोशिश की जा चुकी है। इसमें तीन केंद्रीय मंत्री और कई नेता शामिल हैं।