भिलाई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को मन की बात के जरिए एक बार फिर देश की जनता से रु-ब-रू हुए। साल के आखिरी व 72 वीं कड़ी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आत्मनिर्भरता से लेकर देश की अर्थव्यवस्था को लेकर गई बातें साझा की। इधर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रेडियो पर मन की बात कर रहे थे और इस दौरान किसानों के समर्थन में थाली बजाकर इनका विरोध किया गया। ट्विनसिटी में भी पीएम मोदी के मन की बात का विरोध देखा गया। सिविक सेंटर पर किसानों के समर्थन में मन की बात के दौरान पूरे समय थाली पीटकर विरोध किया गया।
बता दें कि कृषि कानूनों को लेकर देश की राजधानी दिल्ली के आसपास बड़ी संख्या में किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। एक माह से ज्यादा समय से किसान दिल्ली से सटे अलग अलग बॉर्डर पर डटे हुए हैं। किसान संगठनों ने पहले ही कहा था कि वे मन की बात का विरोध थालरी बजा कर करेंगे। इसी के तहत आज देशभर में ेिकसानों के समर्थन में मन की बात का विरोध देखा गया। सिविक सेंटर में थाली पीटने वाले लोगों ने कहा कि सरकार को किसानों की मांग पर विचार करना चाहिए। जो बातें किसानों को नहीं जम रही उस कानून को बनाने का क्या तुक है। केन्द्र सरकार को इस पर विचार करना चाहिए।
मन की बात में प्रधानमंत्री ने कहा न करें सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को रेडियो कार्यक्रम मन की बात में स्वच्छता को लेकर कई बाते कहीं। सबसे पहले उन्होंने आने वाले साल की बधाई देते हुए कहा कि नया साल नए उत्साह का संचार करे। पीएम मोदी ने कहा कि सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल न करने की अपील की। उन्होंने कहा कि हमें ये भी सोचना है कि ये कचरा इन बीच पर, इन पहाड़ों पर, पहुंचता कैसे है? आखिर हम में से ही कोई लोग ये कचरा वहां छोड़कर आते हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि कश्मीरी केसर को जीआई टैग का सर्टिफिकेट मिलने के बाद दुबई के एक सुपर मार्किट में इसे लॉन्च किया गया। अब इसका निर्यात बढऩे लगेगा। यह आत्मनिर्भर भारत बनाने के हमारे प्रयासों को और मजबूती देगा। केसर के किसानों को इससे विशेष रूप से लाभ होगा।
भारत में तेंदुओं की संख्या 60 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ी
भारत ने 2014-2018 के बीच तेंदुए की आबादी में 60 प्रतिशत की वृद्धि देखी है। 2014 में, भारत में तेंदुए की आबादी लगभग 7,900 थी। यह 2019 में बढ़कर 12,852 हो गया। देश के अधिकांश हिस्सों में, विशेषकर मध्य भारत में, इनकी आबादी बढ़ गई है।
हमें वोकल फॉर लोकल की भावना
मैं देश के मैन्यूफैक्चरर्स और इंडस्ट्री लीडर्स से आग्रह करता हूं: देश के लोगों ने मजबूत कदम उठाया है, मजबूत कदम आगे बढ़ाया है। वोकल फॉर लोकल ये आज घर-घर में गूंज रहा है। ऐसे में अब, यह सुनिश्चित करने का समय है, कि, हमारे प्रोडक्ट्स विश्वस्तरीय हों।