नई दिल्ली (एजेंसी)। 26 जनवरी के दिन ट्रैक्टर रैली के दौरान दिल्ली में हुई हिंसा के बाद से पुलिस-प्रशासन किसान आंदोलनकारियों पर काफी सख्ती कर रही है। एक ओर जहां मेरठ के बड़ौत में 40 दिन से चल रहे प्रदर्शन को पुलिस ने बीती रात खत्म कराया, वहीं यूपी गेट पर आंदोलन स्थल की बिजली काट दी गई। बिजली कटने के बाद अंधेरा होने के चलते गिरफ्तारी के डर से किसानों ने खुद रात में जागकर पहरा दिया।
26 जनवरी को दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा के बाद दिल्ली पुलिस बुधवार सुबह से ही एक्शन में है। पहले 37 किसान नेताओं को रैली की शर्तें तोडऩे का आरोपी बनाते हुए उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की। देर रात 20 किसान नेताओं को नोटिस जारी कर पूछा कि क्यों न आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। पुलिस ने तीन दिन में किसान नेताओं का जवाब मांगा है। जिन नेताओं को नोटिस दिए गए हैं उनमें योगेंद्र यादव, दर्शन पाल, बलदेव सिंह सिरसा और बलबीर सिंह राजेवाल शामिल हैं। पुलिस ने नोटिस भेज कहा है कि गणतंत्र दिवस पर लाल किले में तोडफ़ोड़ करना देश विरोधी हरकत है और इसके जिम्मेदारों पर कार्रवाई होगी।