नई दिल्ली (एजेंसी)। कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों रौद्र रूप शांत नहीं हो रहा है। एक ओर जहां सरकार लगातार कृषि कानून किसानों के हित में होने का दावा कर रही है वहीं दूसरी ओर आंदोलनरत किसान यह मानने को तैयार नहीं है। इस बीच सोमवार को किसानों ने एक दिन की भूख हड़ताल का एलान किया है। 21 दिसंबर को किसान सभी धरना स्थलों पर 24 घंटे का उपवास शुरू करेंगे। इधर सरकार ने 40 किसान संगठनों को पत्र लिखकर एक बार फिर से वार्ता के लिए बुलाया है।
कृषि कानूनों के खिलाफ लगातार 26वें दिन किसानों का आंदोलन जारी है। वहीं केंद्र सरकार ने दावा किया है कि ये कानून किसानों के हित में हैं। सरकार का कहना है कि उसने ठोस समस्याओं का समाधान कर दिया है और वार्ता के जरिए बाकी परेशानियों का भी हल निकालने के लिए तैयार है। दूसरी ओर किसान कानून को वापस लेने से कम में मानने को तैयार नहीं हैं। सरकार ने भी 40 किसान संगठनों के नाम पत्र लिखा है जिसमें उन्हें एक बार फिर वार्ता का निमंत्रण दिया गया है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव विवेक अग्रवाल ने इस संदर्भ में किसानों के संगठनों को एक पत्र लिखा है। उल्लेखनीय है कि सरकार से किसानों की अब तक पांच दौर की वार्ता हो चुकी है जो विफल रही है। किसान संगठनों की एक बार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ भी बैठक हो चुकी है, लेकिन उसका नतीजा भी शून्य रहा है।