नई दिल्ली (एजेंसी)। दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता सुधरने की बजाय बिगड़ती ही जा रही है। गुरुवार को वायुमंडल में प्रदूषकों के बढऩे के साथ ही दिल्ली की आबोहवा बिगड़ गई और वायु प्रदूषण बढ़ गया। सुबह-सुबह दिल्लीवालों को वायु प्रदूषण की वजह से सांस लेने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। सुबह में धूंध की मोटी चादर भी दिखी। दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी द्वारा जारी किए गए आंकड़े के मुताबिक, गुरुवार सुबह आईटीओ में वायु गुणवत्ता सूचकांक 254, पटपडग़ंज में 246 दर्ज किया। ये दोनों ही श्रेणियां खराब में आती हैं।
एएनआई के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर के अधिकतर इलाके धुंध की चादर में लिपटे नजर आए। इंडिया गेट से लेकर राजपथ तक धूंध छाया रहा।
अनिल शर्मा नामक शख्स ने कहा कि वाहनों के प्रदूषण को नियंत्रित करने की आवश्यकता है। हम सुबह 6 बजे मॉर्निंग वॉक पर आते थे, लेकिन अब हम 5 बजे आने लगे हैं, जबकि प्रदूषण का स्तर कम है। जनता को जागरूक होना चाहिए और सीएनजी और इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर बढऩा चाहिए। सरकार कदम उठा रही है, लेकिन सार्वजनिक जागरूकता भी महत्वपूर्ण है।
एक अन्य स्थानीय ने एएनआई से बातचीत में कहा कि अगर राष्ट्रीय राजधानी में ऑड-ईवन नियम लागू किया जाता है तो यह निश्चित रूप से प्रदूषण स्तर को नीचे लाएगा। उन्होंने आगे कहा, स्टबल बर्निंग (पराली जलाना) यहां प्रदूषण का एक और कारण है … शाम के समय प्रदूषण बढ़ता है। दिल्ली सरकार ने लाल बत्ती पर इंजन बंद करने के लिए एक नया अभियान शुरू किया है, लेकिन मुझे नहीं लगता कि यह प्रदूषण के स्तर को नीचे लाने में मदद करेगा।
मॉर्निंग वॉक पर इंडिया गेट और राजपथ पर निकले शुभम भदौरिया नाम के एक साइक्लिस्ट ने कहा कि हमें साइकिल चलाते समय सांस लेने में बहुत मुश्किल हो जाती है क्योंकि अगस्त की तुलना में अब हवा की गुणवत्ता में बहुत अंतर है।Ó वहीं कई अन्य लोग भी ऐसे रहे जिन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही है।