नई दिल्ली (एजेंसी)। मध्यप्रदेश में मंत्रिमडल विस्तार के बाद अब विभागों के बंटवारे को लेकर चल रही उठापटक के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज दिल्ली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ बैठक की। रक्षा मंत्री के आवास पर हुई इस बैठक के बाद चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में कैबिनेट विस्तार हो गया है। विभाग मेरे भोपाल पहुंचने के बाद आवंटित किए जाएंगे।
बता दें कि मध्यप्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार के दो दिन बीत जाने के बावजूद विभागों को लेकर आम राय नहीं बन पाई है। शिवराज की सरकार बनाने का सबसे ज्यादा श्रेय कांग्रेस से भाजपा में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया को जाता है और सिंधिया इसके बदले अपने समर्थकों को अच्छे और प्रभावी विभाग दिलवाना चाहते हैं।
पहले मंत्रिमंडल विस्तार में उनके करीबी तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत को कमलनाथ सरकार की अपेक्षा कम महत्वपूर्ण विभाग मिले थे। कहा जा रहा है कि अब वह महत्वपूर्ण विभाग चाहते हैं। वहीं, शिवराज अपने चहेते नेताओं को मुख्य विभाग सौंपना चाहते हैं। इस बीच तीसरा मोर्चा खुलने की खबरें भी आ रही हैं।
भाजपा विधायक ने लिखा शिवराज को पत्र, जताई नाराजगी
मध्यप्रदेश में भाजपा सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर पार्टी नेताओं में नाराजगी जारी है। ताजा मामला भाजपा विधायक अजय विश्नोई का है जिन्होंने इसे लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है। शनिवार को भेजे गए इस पत्र में दावा किया गया है कि रीवा और जबलपुर के लोगों में आक्रोश है।
पूर्व राज्यमंत्री और चार बार विधायक रहे विश्नोई (68) फिलहाल जबलपुर की पाटन सीट से विधायक हैं। उन्होंने पत्र में लिखा, ‘मैं कठिनाइयों को समझ सकता हूं लेकिन जनता नहीं। मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि अपने लोगों को शांत करने के लिए इन दो संभागों के संरक्षक मंत्री के तौर पर कार्यभार ग्रहण करें।Ó
विश्नोई ने अपने पत्र में कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह का उदाहरण देते हुए चौहान से ऐसा करने की अपील की। उन्होंने लिखा, ‘आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि दिग्विजय सिंह ने मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री रहते हुए जबलपुर के संरक्षक मंत्री का कार्यभार संभाला था। आशा है कि आप मेरा यह अनुरोध स्वीकार करेंगे।Ó
विश्नोई भारतीय जनता पार्टी के पुराने नेता हैं। साल 1983 में वह मध्यप्रदेश भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के अध्यक्ष बनाए गए थे, तबह शिवराज सिंह इसके राज्य सचिव हुआ करते थे। हालांकि समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, विश्नोई से जब इस संबंध में सवाल पूछा गया तो उन्होंने जवाब देने से इनकार कर दिया।