बालोद। जिले में पिछले दिनों हुए अंधे कत्ल की गुत्थी को पुलिस ने बड़ी ही सजगता से सुलझा लिया है। हत्या की वजह तीन दोस्तों का आपसी विवाद रहा जिसके के कारण दो दोस्तों ने मिलकर तीसरे दोस्त की हत्या कर दी। खासबाह यह रही कि हत्या को आत्महत्या का रूप देने का भी भरसक प्रयास किया लेकिन पुलिस की नजरों से आरोपी बच नहीं पाए। लाश मिलने के बाद पुलिस ने एक सप्ताह में भी इस मामले को सुलझा दिया है। फिलहाल आरोपी पुलिस की गिरफ्त में हैं। मामले का खुलासा जिले के एएसपी डीआर पोर्ते ने शनिवार शाम को किया।
दरअसल यह पूरा मामला तीन दोस्तों से शुरू हुआ जो एक दूसरे के उतना अधिक तो नहीं लेकिन कभी कभी एक साथ बैठकर शराब पिया करते थे। 21 जून को नर्राटोला के रास्ते में पडऩे वाले कुएं में चिखली निवासी हर्ष कुमार की लाश मिली। सामान्य रूप से देखने पर वह आत्महत्या प्रतीत हो रहा था लेकिन जब उस लाश को बाहर निकाला गया तब पुलिस को हत्या का संदेह हुआ। इसके बाद पुलिस ने मामले में खोजबीन शुरू कर दी और बालोद जिला पुलिस अधीक्षक जितेंद्र सिंह मीणा ने मामले के लिए बालोद पुलिस की स्पेशल टीम को जिम्मेदारी दी।
हत्या की कहानी आरोपियों की जुबानी
घटना का खुलासा करते एएसपी पोर्ते ने पुरी बात बताई। 19 जून को हर्ष अपने घर से निकला तो उसे रास्ते में उसका दोस्त भानु मिल गया। जिसके बाद भानु व हर्ष अपने गांव से दल्लीराजहरा शराब पीने चले गए। वापसी में चिखली बांध के पास दोनों को उनका एक और साथी नागेश मिला। तीनों ने मिलकर फिर शराब पीने की योजना बनाई और दल्लीराजहरा के शराब दुकान पहुंचे। जहां उन्होंने शराब ली और चिखली बांध के पास पहुंचकर तीनों ने शराब पिया। इसके बाद फिर इनका मन शराब पीने को हुआ तो नागेश व भापू शराब खरीदने डौंडी शराब दुकान पहुंचे और जब वापस बांध के पास पहुंचे तो देखा हर्ष वापस अपने घर चला गया है। इसके बाद दोनों हर्ष के घर पहुंचे और वहां से हर्ष को लेकर नर्राटोला रास्ते में हवाई पट्टी के पास के कुएं के किनारे बैठकर शराब पीने लगे। शराब का नशा हावी होने के बाद नागेश्वर ने हर्ष से चखना के लिए पैसे मांगे। हर्ष ने जब पैसे नहीं होने की बात की तो विवाद शुरू हो गया। विवाद इतना बढ़ गया कि नागेश्वर ने आवेश में आकर हर्ष का गला दबा दिया जिसके बाद हर्ष को छटपटाता देख गमछे से उसका गला गोंठ दिया। हर्ष ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। पुलिस को शक न हो इसके लिए दोनों ने हर्ष के शव को कुएं में फेंक दिया।
सीसी टीवी फुटेज से मिली पुलिस को मदद
एएसपी डीआर पोर्ते ने बताया कि हत्या के 2 दिन बाद 21 जून को किसी ने हर्ष की लाश कुएं में देखी तब पुलिस को जानकारी दी। इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंचकर लाश को कुएं से बाहर निकाला। चुंकि यह अंधाकत्ल था इसलिए पुलिस को सतर्कता से काम करना था। एसपी द्वारा गठित स्पेशल टीम ने हर्ष के घर जाकर व आसपास के लोगों से जानकारी ली और दो जगह के सीसीटीवी फुटेज खंगाले। फुटेज में हत्या वाले दिन यानि 19 जून को हर्ष के साथ नागेश व भानु प्रकाश को बाइक पर घूमते देखा गया। इसके बाद पुलिस ने नागेश्वर व भानु को संदेह के आधार पर हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ की। दोनों को अलग-अलग कमरे में ले जाकर पूछताछ किया गया तो बयान में अंतर आया जिससे पुलिस को विश्वास हो गया कि हर्ष की हत्या इन्हीं दोनों ने की। इसके बाद दोनों से कड़ाई से पूछताछ करने पर दोनों ने अपना अपराध कबूल कर लिया। इस पूरे मामले में एसपी द्वारा गठित विशेष टीम में निरीक्षक कुमार गौरव साहू, डौंडी थाना प्रभारी अनिल ठाकुर, प्रधान आरक्षक प्रेम सिंह राजपूत, आरक्षक संदीप यादव राजेश पांडे व अन्य पुलिसकर्मियों का योगदान रहा।