रायपुर (एजेंसी)। 15 निकायों में होने वाले चुनाव के लिए बीजेपी ने पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल को नगरीय तो अजय चंद्राकर को नगर पंचायत के लिए प्रभारी बनाया है। तो वहीं सांसद संतोष पाण्डेय को अमर अग्रवाल और गोमती साय को अजय चंद्राकर के साथ सह प्रभारी बनाया गया है। साथ ही सभी निकायों में पूर्व मंत्री से लेकर नेता प्रतिपक्ष तक को प्रभारी बनाया गया है। बीजेपी की नियुक्ति के साथ ही सवाल उठने लगा हैं कि स्थानीय नेताओं को दर किनार कर बाहरी नेताओं को जिम्मेदारी क्यों दी गई है।
बीजेपी की नियुक्ति पर सवाल सिर्फ इतना ही नहीं कि दुर्ग से प्रेम प्रकाश पाण्डेय, सरोज पाण्डेय जैसे बड़े नेताओं को दरकिनार कर दिया गया हैं। इतना ही नहीं कि बीजेपी ने अपने सथानीय नेताओं के बदले दूसरे जिले के नेताओं पर भरोसा जताया है। बीजेपी की नियुक्ति पर कांग्रेस यह भी सवाल उठा रही हैं कि पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल, केदार कश्यप, महेश गागड़ा, रामसेवक पैकरा, लाभचंद बाफना, डॉ. सियाराम साहू, विक्रम उसेंडी जैसे हारे हुए नेताओं के भरोसे बीजेपी जीत की रणनीति तैयार करने में जुटी है। बीजेपी की यह नियुक्ति बता रही है कि बीजेपी पहले आपस में लड़ लें। अपने ही गुटों से लड़े फिर कांग्रेस से मुकाबला करें, वहीं यह भी कहा कि बीजेपी की ऐसी नियुक्ति कांग्रेस की राह को और आसान बनाती है।
सवाल यह भी कि क्या बीजेपी के भीतर सबकुछ ठीक नहीं चला रहा जिससे इस तरह से स्थानीय और बड़े नेताओं की अनदेखी की गई है। इस पर बीजेपी प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव का दावा है कि तमाम सियासी समीकरण को देख कर जिम्मेदारी तय की गई है और बीजेपी बेहद ही गंभीरता के साथ चुनावी मैदान में उतरी हुई है।
मुख्यमंत्री बघेल और गृहमंत्री साहू भी हारे हैं चुनाव-श्रीवास्तव
हारे हुए नेताओं को जिम्मेदारी देने के कांग्रेस के सवाल पर बीजेपी की ओर से प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने सवाल उठाया है। बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि वर्तमान के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, मंत्री ताम्रध्वज साहू, रविंद्र चौबे, मो. अकबर जैसे लोग भी चुनाव हारे थे मगर आज वे मंत्री और मुख्यमंत्री हैं, इसलिए राजनीति में चुनावी जीत-हार को काबलियत का पैमाना नहीं माना जा सकता है।