बिजनेस डेस्क/नई दिल्ली (एजेंसी)। इन दिनों भारत में क्रिप्टोकरेंसी सबसे गर्म मुद्दा बना हुआ है। सरकार ने भी निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने के उद्देश्य से शीतकालीन सत्र में बिल पेश करने की तैयारी पूरी कर ली है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि देश में डिजिटल करेंसी को लेकर लोग क्या सोचते हैं। एक हालिया सर्वे में सामने आया है कि भारत की आधे से ज्यादा करीब 54 फीसदी आबादी क्रिप्टोकरेंसी को पसंद नहीं करती है।
सर्वे के जरिए सामने आई देशवासियों की राय
यह सर्वे ऐसे समय में किया गया है जबकि सरकार इस मसले को लेकर बेहद गंभीर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद इसके खतरों के प्रति लोगों को आगाह कर चुके हैं। दरअसल, लॉइन सर्किल ने यह सर्वे किया है। इसमें देशवासियों की क्रिप्टोकरेंसी को लेकर राय पूछी गई। इस दौरान जो आंकड़े प्राप्त हुए वो बेहद ही चौंकाने वाले रहे। सामने आया कि देश की आधे से ज्यादा आबादी चाहती है कि क्रिप्टोकरेंसी को भारत में वैधता नहीं दी जानी चाहिए।
54 फीसदी भारतीयों ने क्रिप्टोकरेंसी को नकारा
सर्वे के दौरान 54 फीसदी भारतीयों ने क्रिप्टोकरेंसी को पूरी तरह से नकार दिया। उन्होंने कहा कि भारत सरकार को देश में क्रिप्टोकरेंसी वैध नहीं करनी चाहिए। आंकड़ों पर नजर घुमाएं तो साफ है कि देश का लगभग हर दूसरा व्यक्ति डिजिटल करेंसी के पक्ष में नहीं है।
71 फीसदी भारतीयों को क्रिप्टो पर भरोसा नहीं
सर्वे में पाया गया कि वर्तमान में भले ही क्रिप्टोकरेंसी पल में लोगों को मालामाल बना रही हो, लेकिन 71 फीसदी भारतीय इससे संतुष्ट नहीं है। इनका अंतरराष्ट्रीय क्रिप्टोकरेंसी पर बिल्कुल भरोसा नहीं है, जबकि 51 फीसदी लोग चाहते हैं कि भारत सरकार को अपनी डिजिटल मुद्रा को लॉन्च करना चाहिए। लोगों ने यह भी कहा कि इस डिजिटल मुद्रा पर विदेशी डिजिटल संपत्ति की तरह ही लगाया जाना चाहिए।
क्रिप्टो में निवेश के पक्ष में 26 फीसदी लोग
गौरतलब है कि एक पूर्व रिपोर्ट के अनुसार, क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वालों की संख्या देश में करीब 9 फीसदी है और इन निवेशकों ने लगभग 70 हजार करोड़ का निवेश डिजिटज करेंसी में किया हुआ है। अब इस सर्वे की बात करें तो 26 फीसदी लोग क्रिप्टोकरेंसी को अपनाने के पक्ष में हैं। हालांकि इनका कहना है कि इसे भारत में वैध करने के साथ ही इस पर टैक्स भी लगाया जाना जरूरी है।