मुम्बई। भारतीय नौसेना अब और भी सशक्त हो गई है। नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह की उपस्थिति में आईएनएस वेला भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल हो गई। वेला स्कॉर्पीन डिजाइन की छह पनडुब्बियों में से एक है, जिसे एमडीएल द्वारा मुंबई में फ्रांसीसी फर्म नेवल ग्रुप के टेक्नोलॉजी ट्रांसफर से बनाया जा रहा है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, आईएनएस वेला मुंबई में भारतीय नौसेना में शामिल हुआ। देश की चौथी स्कॉर्पीन कटेगरी की पनडुब्बी आईएनएस वेला का दो साल से अधिक तक ट्रायल किए जाने के बाद आज बेड़े में शामिल किया गया।
भारत ने पहली बार मई 2019 में इसका परीक्षण किया था। जब दुश्मन से निपटने की बात आती है तो आईएनएस वेला को एडवांस्ड स्टील्थ और लड़ाकू क्षमताओं के लिए जाना जाता है। इस डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बी को मुंबई में मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड द्वारा प्रोजेक्ट 75 के तहत बनाया गया है।
आईएनएस वेला की ख़ास बातें
स्कॉर्पीन कटेगरी की यह पनडुब्बी एंटी-सरफेस वॉर, एंटी-सबमरीन वॉर, खुफिया जानकारी जमा करने, माइन बिछाने, निगरानी जैसे कई मिशन को अंजाम दे सकती है। इसे अल्ट्रामॉडर्न टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से बनाया गया है। इसके टॉप साइलेंसिंग तकनीक, लो रेडिएटेड नॉइज लेवल, हाइड्रो-डायनामिक शेप, निर्देशित हथियारों का इस्तेमाल कर दुश्मन पर अटैक करना इसे ख़ास बनाता है। इसके जरिए पानी के भीतर या सतह पर एक ही समय में टॉरपीडो के साथ-साथ ट्यूब से लॉन्च्ड एंटी-शिप मिसाइलों का इस्तेमाल करके हमले किए जा सकते हैं।