भिलाई। राज्य के 15 नगरीय निकायों में चुनाव होने है, जिनमें भिलाई नगर भी शामिल है। चुनाव की घोषणा होते ही यहां राजनीतिक सरगर्मी शुरू हो गई है। भिलाई निगम की सत्ता पर काबिज होने के लिए भाजपा-कांग्रेस जहां जोर- शोर से जुट गए हैं, वहीं दावेदारों ने मतदाताओं को लुभाने के लिए बड़े-बड़े वादे करना शुरू कर दिए हैं। चुनाव आते ही सफाई, नाली, बिजली, पानी, यातायात, गार्डन, स्वास्थ्य और सौंदर्यीकरण की बातें इलाके में चुनाव लडऩे के इच्छुक नेता करने लगे हैं।
ज्ञात हो कि भिलाई नगर निगम में कुल 70 वार्ड हैं। यहां अब तक 4 चुनाव हो चुके हैं। जिनमें से तीन बार कांग्रेस तो एक बार भाजपा का महापौर निर्वाचित हुआ। किन्तु इस बार यहां पहली बार अप्रत्यक्ष प्रणाली से महापौर चुना जाएगा। ऐसे में पार्षदों के बहुमत से ही नया महापौर तय होगा। भिलाई को पहली बार नीता लोधी के रूप में युवा महापौर मिली थी। तब राज्य में कांग्रेस की ही सरकार थी। इसके बाद 15 वर्षों तक भाजपा की सरकार प्रदेश में रही। इस दौरान क्रमश: विद्यारतन भसीन, निर्मला यादव और पिछली दफा देवेन्द्र यादव महापौर निर्वाचित हुए। इनमें से भसीन इकलौते भाजपाई महापौर थे। इन तथ्यों को देखें तो भिलाई के मतदाताओं का मूड़ सत्तारूढ़ दल पर निर्भर नहीं करता है।
भिलाई नगर निगम से जुड़ा एक महत्वपूर्ण तथ्य यह भी है कि यहां महापौर निर्वाचित होने वाला व्यक्ति भविष्य में महत्वपूर्ण पदों पर अवश्य पहुंचता है। हालांकि निर्मला यादव इसकी अपवाद कही जा सकतीं हैं। भिलाई की पहली महापौर नीता लोधी की बात करें तो उन्हें वर्तमान में राज्यमंत्री का दर्जा है। उन्हें अंत्यावसायी विकास निगम का उपाध्यक्ष बनाया गया है। वहीं दूसरे महापौर रहे विद्यारतन भसीन वैशाली नगर क्षेत्र से विधायक हैं। देवेन्द्र यादव भी भिलाई नगर क्षेत्र से विधायक हैं। निर्मला यादव ने पिछले महापौर चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी का साथ छोड़ दिया था। शायद यही वजह है कि वे आज स्थानीय राजनीति के हाशिए पर चल रही हैं। एक मजेदार पहलू यह भी है कि इस बार के स्थानीय चुनाव में दो पूर्व महापौरों व वर्तमान दो विधायकों विद्यारतन भसीन और देवेन्द्र यादव के लिए अग्निपरीक्षा होगी। भिलाई नगर निगम क्षेत्र इन दोनों विधायकों के निर्वाचन क्षेत्र से मिलकर बना है, ऐसे में भाजपा का गढ़ माने जाने वाले वैशाली नगर और कांग्रेसी प्रभाव वाले भिलाई नगर की वोटिंग से भविष्य के काफी कुछ संकेत मिल जाएंगे।
23 दिसंबर को होगी मतगणना
भिलाई निगम क्षेत्र में आचार संहिता लागू हो चुकी है। 27 नवंबर से तीन दिसंबर तक नामांकन और चार से छह दिसंबर तक नाम वापसी है। प्रत्याशियों को छह दिसंबर को ही चुनाव चिह्न मिलेगा। उसके बाद 20 दिसंबर को चुनाव और 23 को मतगणना होगी। उसके बाद जीतने वाले पार्षद अप्रत्यक्ष रूप से महापौर का चुनाव करेंगे।