नई दिल्ली (एजेंसी)। फास्टफूड हमारे जीवन का आम हिस्सा बन चुका है। चलते-फिरते हम दिन में कम से कम एक न एक बार फास्टफूड का सेवन कर ही लेते हैं। हालांकि, डॉक्टर हमेशा कहते हैं कि स्वस्थ्य जीवन के लिए फास्टफूड से दूर रहना चाहिए, लेकिन हमारी चटोरी जुबान कहां मानने वाली है।
फास्टफूड पर जो नया अध्ययन सामने आया है, वह इन चटोरी जुबान वालों को चेताने के लिए काफी है। एक रिपोर्ट में सामने आया है कि मैकडॉनल्ड्स, बर्गर किंग, पिज्जा हट, डोमिनोट जैसे बड़े ब्रांड वाले खाने में ‘फेथेलेट्स’ पाया गया है। एक्सपोजर साइंस एंड एनवायरमेंटल एपिडेमियोलॉजी की रिपोर्ट के अनुसार, फैथेलेट्स एक ऐसा पदार्थ है, जो प्लास्टिक को नरम रखने के लिए प्रयोग किया जाता है और यही पदार्थ कई बड़े ब्रांडो के खाने में पाया गया है। फैथेलेट्स को साबुन, डिटर्जेंट, तेल, हेयर स्प्रे में भी प्रयोग किया जाता है।
64 से ज्यादा सैंपलों की हुई जांच
फास्टफूड की जांच के लिए जॉर्ज वाशिंगटन यूनिवर्सिटी व हावर्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने बर्गर, चिकन, नगेट्स, चीज पिज्जा जैसे 64 सैंपलों की जांच की । हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, 80 प्रतिशत से अधिक भोजन में DnBP नामक एक फेथलेट पाया गया और 70 प्रतिशत में फेथलेट DEHT था।
क्या है फेथलेट
वैज्ञानिकों के अनुसार, फेथलेट एक ऐसा रासायनिक पदार्थ है, जो स्वास्थ्य के लिए बहुत ही खतरनाक है। इस रासायनिक पदार्थ का उपयोग सौंदर्य प्रसाधन, विनाइल फर्श, डिटर्जेंट, डिस्पोजबल दस्ताने जैसी चीजों में किया जाता है। मुख्य रूप से फेथलेट का उपयोग प्लास्टिक को मुलायम या जोड़ने में किया जाता है।
हो सकती हैं ये समस्याएं
अगर आपकी जीवनशैली में पिज्जा, बर्गर, चिकन नगेट्स, फ्रेंच फ्राइज जैसी चीजें ज्यादा शामिल हैं, तो यह आपके शरीर को दिन प्रतिदिन बीमार बना रही हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि फेथलेट एक ऐसा रसायन है जो अस्थमा का कारक बन सकता है या फिर यह रासायनिक पदार्थ बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। इसके अलावा यह महिलाओं व पुरूषों की प्रजनन प्रणाली को भी प्रभावित करता है।