नई दिल्ली (एजेंसी)। आने वाले दिनों में कार के इंजन में बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। दरअसल, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बताया है कि वह अगले तीन से चार महीने में एक आदेश जारी करेंगे। इस आदेश में सभी वाहन निर्माताओं को फ्लेक्स इंजन यानी वैकल्पिक ईंधन वाले इंजन के वाहनों के मैन्युफैक्चरिंग को अनिवार्य किया जाएगा। करीब दो साल से नितिन गडकरी कार कंपनियों से फ्लेक्स इंजन बनाने की अपील कर रहे थे लेकिन इसे अनिवार्य नहीं किया गया था। अब पहली बार इस तरह के इंजन के लिए आदेश जारी किया जाएगा।
In the next 3 to 4 months, I will be issuing an order, mandating all vehicle manufacturers to power vehicles with flex engines (that can run on more than one fuel): Union Road Transport and Highways Minister Nitin Gadkari pic.twitter.com/VKqkoDTXOr
— ANI (@ANI) September 24, 2021
क्या होता है फ्लेक्स इंजन
ये वो इंजन होते हैं जिसमें पेट्रोल और इथेनॉल या मेथनॉल के मिश्रण का भी प्रयोग किया जा सकता है। मौजूदा समय में, भारत में पेट्रोल में 20 फीसदी तक इथेनॉल के मिश्रण की इजाजत है। हालांकि, इंजन में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है। अब अगर इथेनॉल की मात्रा बढ़ाई जाती है तो इंजन में भी जरूरी मॉडिफिकेशन करना होगा। यही वजह है कि नितिन गडकरी कार कंपनियों से इंजन में बदलाव करने को कह रहे हैं।
क्यों पड़ी जरूरत
पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों के बीच सरकार वैकल्पिक ईंधन की ओर रुख कर रही है। बीते दिनों नितिन गडकरी ने बताया था कि इससे कई फायदे होंगे। पहले तो प्रदूषण में कमी आएगी। वहीं, दूसरा बड़ा फायदा ये होगा कि कच्चे तेल के आयात में गिरावट आएगी। बता दें कि भारत 80 प्रतिशत से अधिक कच्चे तेल का आयात करता है।
डॉलर में कारोबार होने की वजह से इसमें विदेशी मुद्रा भी ज्यादा खर्च होता है। सरकार कच्चे तेल का आयात कम कर इस खर्च में भी कटौती कर सकेगी। इसके अलावा, देश में गन्ने और मक्के के अपशिष्ट से भी वैकल्पिक ईंधन इथेनॉल का निर्माण किया जा सकेगा।