नईदिल्ली (एजेंसी)। कोरोना वायरस महामारी को मात देने के लिए वैक्सीन के बाद पिल्स यानी गोलियां आ सकती हैं। दक्षिण स्वीडन के सबसे बड़े साइंस पार्कों में से एक मेडिकॉन विलेज को लेकर कई रिपोट्र्स में कहा जा रहा है कि वे एंटीवायरल ओरल पिल्स का उत्पादन कर रही हैं। इससे ये कोरोना के लक्षण और जोखिम दोनों को कम करने में मदद कर सकते हैं। ऐसे में कहा जा रहा है कि ये काफी मददगार हो सकती है और इससे लोगों को कोरोना से बचने में काफी मदद मिल सकती है।
रिपोट्र्स के मुताबिक कोरोना की एंटीवायरल दवा को वे लोग ले सकेंगे जो कोरोना पॉजिटीव हैं। इससे लोग घर पर रहते ही ये दवा ले सकेंगे, जो उनके लक्षणों को रोकने में और खराब स्वास्थ्य को ठीक करने में भी मदद करेगी। वहीं, ये हल्के लक्षणों पर ज्यादा असरदार होगी। जहां वैक्सीन शरीर में वायरस के प्रवेश को रोकती है, तो वहीं, एंटीवायरल पिल्स यानी गोलियां वायरस को संक्रमण के बाद कहर बरपाने से भी रोकती हैं। जहां एक तरफ कोरोना की वैक्सीन वायरस के खिलाफ सबसे ज्यादा यानी सर्वोत्तम संभव सुरक्षा प्रदान करती है, तो वहीं एंटीवायरल दवा कोरोना के संक्रमण को बढऩे से रोकने में मदद कर सकती है।
रिपोट्र्स के मुताबिक, एंटीवायरल दवा को इस साल ही बाजार में लाया जा सकता है। वहीं, अमेरिकी रसायन कंपनी मर्क पहली ही ओरल एंटीवायरल दवा मोलनुपिरवीर के लिए एफडीए की मंजूरी ले चुकी है। जबकि दूसरी तरफ जापान की फार्मा कंपनी ने भी हाल ही में वन-ए-डे पिल पर अपना क्लिनिकल ट्रायल शुरू कर दिया है। हालांकि, ये अभी शुरूआती दौर में है। ऐसे में इसे आने में समय लग सकता है।