भिलाई। तीन दिनों से लापता बीएसपी कर्मी की मौत की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। संयंत्र कर्मी की हत्या कर उसके शव को एसएमएस-2 के 30 फीट ऊंची केबिन में फेंक दिया गया। कातिल कोई और नहीं बल्कि वहीं शख्स निकला जिसके साथ बीएसपी कमी अंतिम बार देखा गया। दरअसल पूरी वारदात के पीछे लाखों रुपए की देनदारी है जिसके लिए बीएसपी कर्मी द्वारा आरोपी पर दबाव बनाया जा रहा था। आरेापी ने रुपए देने से बचने के लिए हत्या जैसे जघन्य वारदात को अंजाम दिया। पुलिस ने मामले में आर वेंकटेश्वर राव को गिरफ्तार कर लिया है। जिसके खिलाफ धारा 302, 201 के तहत कार्रवाई की गई।
बता दें कि छावनी पुलिस ने सोमवार देर रात 53 वर्षीय बीएसपी कर्मी जगत राम उइके की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज की थी। जगत राम सोमवार शाम 4 बजे से रहस्यमय ढंग से गायब हो गया था। मृतक जगत राम ने सोमवार सुबह करीब 11.30 बजे हाफ डे कि अनुमति लेकर घर चला गया था। इसके बाद वह अपने बच्चों के साथ खुदकी शादी के लिए लड़की देखने गया। दोपहर करीब 3.30 बजे उसके अपने बच्चों की घर पर छोड़ा। इसके बाद वह प्लांट जाने की बात कहकर चला गया। रात होने के बाद भी वापस नहीं लौटने पर घरवालों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
मोबाइल की आखिरी लोकेशन प्लांट की मिली
जांच के दौरान पुलिस को मंगलवार रात करीब 9 बजे बीएसपी कर्मी जगतराम की कार प्लांट के अंदर खड़ी मिली। उसके मोबाइल की आखिरी लोकेशन भी प्लांट के अंदर बता रही थी। बुधवार की शाम को तकरीबन 4 बजे के आसपास एसएमएस 2 के कास्टर-6 में 30 फीट ऊंचे केबिन में मेंटिनेंस के लिए कर्मचारी पहुंचा तो उसे बदबू आई। उसने तुरंत सीआईएसएफ को जानकारी दी। सीआईएसएफ और पुलिस की टीम पहले ही जगत राम की खोजबीन में लगी हुई थी। टीम नजदीक जाकर जांच की तो शव जगत राम का था। शव का पंचनामा करके पीएम के लिए भेजा गया।
यूं हुआ पुलिस को शक
आरोपी आर वेंकटेश्वर राव पर पुलिस को शुरू से ही शक था। जांच के दौरान सीसी टीवी फुटेज के मुताबिक बीएसपी कर्मी जगत रात प्लांट गेट से शाम सवा चार बजे भीतर गया। बीएसपी कर्मी को आखिरी बार वेंकट राव के साथ ही देखा गया था। हत्या के बाद भी वेंकटेश्वर जगतराम को खोजने का नाटक कर रहा था जिससे पुलिस का ध्यान भटके। लेकिन पुलिस का पूरा शक वेंटेश्वर पर ही टिका रहा। इसके बाद पुलिस ने वेंकट राव को हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ की जिसमें उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया।
ड़ेढ लाख की देनदारी से बचने की हत्या
आरोपी वेंकटेश्वर ने हत्या की प्लानिंग पहले से कर ली थी। उसने मृतक जगतराम से उेढ़ लाख रुपए उधार लिया था। वेंकटेश्वर पूर्व में जगतराम का सहकर्मी रहा। हत्या के इरादे से ही उसने जगत राम को प्लांट के अंदर एसएमएस 2 बुलाया। यहां आने के बाद वेंकटेश्वर ने धोखे से लोहे की रॉड से वार कर दिया। सिर पर गंभीर चोट लगने से जगत राम की मौत हो गई। शव को छिपाने के लिए कस्टमर के केबिन नंबर बनकर में शाम को डालकर बाहर से बंद कर दिया घटना के बाद बटेश्वर मृतक जगतराम की खोजबीन करने का नाटक भी करता रहा। जिससे उस पर संदेह न हो। घटना के बाद मृतक के शरीर सोने के अंगूठी व चेन भी निकाल ली थी जिसे पुलिस ने बरामद कर लिया है।