भिलाई। अवर्षा की स्थिति के चलते राज्य में विद्युत की मांग 4905 मेगावाट के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने पर विद्युत की आपूर्ति की व्यवस्था सतत निगरानी और सही समय पर की गई कार्यवाही से कारगार रही। कृषि पंप कनेक्शन वाले क्षेत्रों को चिन्हित कर 66 पॉवर ट्रांसफार्मर की क्षमता बढाई गई है, ताकि घरेलु उपभोक्ताओं के साथ किसानों को भी निर्बाध बिजली मिलती रहे। रबी फसल के समय 33/11 केवी के 25 उपकेंद्रों की क्षमता वृद्धि के कार्य हुए जिसके तहत 20 अतिरिक्त नए पावर टांसफार्मर स्थापित किये गये एवम 5 पावर ट्रांसफॉर्मर को अधिक क्षमता के पॉवर ट्रांसफार्मर से उन्नयन भी किया गया।
विद्युत कृषि पंप के लोड को संभालने के लिये केवल बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित करना हल नहीं है। बढ़े मांग के अनुरूप पॉवर टांसफार्मर की क्षमता भी उसी अनुरूप होनी चाहिये। प्रदेश में डिमांड 4905 मेगावाट तक पहुंच चुकी है, प्रदेश में बिजली की उपलब्धता भी है किन्तु कुछ विशेष क्षेत्रों कृषि पंपों के कारण लोड अचानक बढ़ जाता है, ऐसे में बिजली उपलब्ध रहने पर भी निर्बाध बिजली आपूर्ति में समस्या आती है। इसका एकमात्र उपाय पॉवर ट्रांसफार्मर की क्षमता में वृद्धि करना है। इस वर्ष पहले से ही पॉवर ट्रांसफार्मर की क्षमता लोड के अनुरूप करने के लिए कार्य आरंभ कर दिये गए थे जिसका सीधा लाभ खरीफ़ (धान) की फसल के समय भी मिला।
महासमुंद जिले में ही 10 उपकेन्द्रों में 11पॉवर ट्रांसफॉर्मर
अकेले महासमुंद जिले में ही 10 उपकेन्द्रों में 11 पॉवर ट्रांसफॉर्मर की क्षमता बढ़ाई गयी जो कि जिले के पीरदा, बुंदेली, नर्रा, देवरी,भगत देवरी, कनकेवा, लिमदरहा, मुड़ागांव, मुंगासेर,आरंगी हैं। इसी तरह कांकेर जिले में 5 उपकेन्द्रों के पॉवर ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि की गयी जो कि मथुराबाज़ार, पखांजुर, गोण्डाहूर, कापसी और बांदे हैं। इसी तरह बलौदाबाजार भाटापारा जिले में ढेकुना और सिंगारपुर, राजनांदगांव जिले में छुरिया और सड़क चिरचारी में , गरियाबंद जिले में मुड़ागांव में , जांजगीर चाम्पा जिले में सलनी और बेमेतरा जिले में नांदघाट और खैरझिटी में तथा सूरजपुर जिले में किशनपुर (कलुआ) में पावर ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि हुई।
41 उपकेन्द्रों को क्षमता वृद्धि के साथ काम पूरा
खरीफ सीजन में भी पॉवर ट्रांसफार्मर क्षमता वृद्धि को भी प्रथमिकता मिली और कुल 41 उपकेन्द्रों को क्षमता वृद्धि हेतु चयनित किया गया है जिसमें से कुल 22 पॉवर ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि का कार्य पूर्ण कर लिया गया है और 12 पावर ट्रांसफॉर्मर हेतु युद्धस्तर पर कार्य जारी है जो इसी सप्ताह पूर्ण होने की संभावना है और शेष 7 कार्य भी अंतिम चरणों में हैं। राजनांदगांव जिले में भैंसातरा,और अटरिया, बेमेतरा जिले में नवागढ़, आनंद गांव, खिलोरा, कोबिया, परपोड़ी, बोरतरा, सोढ, गोंड़गिरी तथा बालोदबाज़ार-भाटापारा जिले में नगेड़ा रायगढ़ जिले में केडार, टीमरलगा कबीर धाम जिले में गोपालभावना, मोहगांव ,बाजार चार भाटा, जोराताल एवं दुर्ग जिले में हिर्री (रसमुड़ा) , लिटिया , सिसाभाटा और राजपुर उपकेन्दों में पॉवर ट्रांसफार्मर के कार्य पूर्ण हो चुके हैं।
दुर्ग सहित इन जिलों में कार्य अंतिम चरणों में
जहां कार्य पूर्णता अंतिम चरणों मे हैं वे हैं कबीरधाम जिले में राजानवा गांव , राजनांदगांव जिले में टप्पा,भैयाटोला उदयपुर, ईटार , बांधाबाज़ार और छुरिया , दुर्ग जिले अमोरे, खिलौद, पतपोड़ी , गोंड़गिरी और रसमुड़ा में कार्य प्राथमिकता के आधार पर किये जा रहे हैं जिनकी पूर्णता की संभावना इसी सप्ताह है। इसके अतिरिक्त महासमुंद जिले में पोटापारा , खैरखुटा, बल्दीडीह, कुडेकेल एवं सालखण्ड भी प्रगति पर हैं और दुर्ग जिले में सिंधभाठा, राजपुर भी प्रगति पर हैं एवं अंतिम चरण पर हैं। इस तरह रबी और खरीफ़ के लोड के संतुलन के लिए 66 पॉवर ट्रांसफॉर्मर के कार्य किया जाना अपने आप में ही एक नया रिकॉर्ड बन गया है। इन कार्यों के कारण पंप बाहुल्य क्षेत्रों में पावर की उपलब्धता बहुत सुदृढ़ हुई है।