नई दिल्ली (एजेंसी)। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने बुधवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया को पत्र लिखकर दवा नियामक प्रणाली में सुधार का सुझाव दिया है। जिसमें नैदानिक परीक्षण के दौरान गैर-कोविड टीकों के निर्माण और भंडारण की अनुमति देना शामिल है।
दुनिया के सबसे बड़े टीका निर्माता सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया को पत्र लिखकर मौजूदा औषधि नियामक प्रणाली में सुधार के सुझाव दिए हैं। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, पुणे स्थित एसआईआई में सरकार और नियामक मामलों के निदेशक प्रकाश कुमार सिंह ने पत्र में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा 18 मई, 2020 को एक गजट अधिसूचना का जिक्र किया है।
Serum Institute of India writes to Union Health Minister Mansukh Mandaviya proposing reforms in drug regulatory system, including allowing manufacturing and stockpiling of non-Covid vaccines while undergoing clinical trial
— Press Trust of India (@PTI_News) July 21, 2021
उन्होंने कहा कि इससे नैदानिक परीक्षण के तहत कोविड टीके के उत्पादन और भंडारण की अनुमति मिलती है। उन्होंने कहा कि इस नियम के कारण, उनके लिए नैदानिक परीक्षण के दौरान कोविड टीके का उत्पादन और भंडारण कर पाना संभव हो गया और वे लाखों लोगों की जान बचाने के लिए इतने कम समय में टीका उपलब्ध करा सके। एक सूत्र ने सिंह के हवाले से कहा कि अगर यह नियम गैर-कोविड टीकों पर भी लागू किया जाता है, तो यह टीका उद्योग के लिए एक बड़ी मदद होगी।
सिंह ने व्यावसायिक मकसदों के लिए कोविड और गैर-कोविड टीकों के शेष ‘बैच’ का उपयोग करने की अनुमति भी मांगी, जिनका उपयोग नैदानिक परीक्षण में किया गया है। उन्होंने इस संदर्भ में कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने 12 अप्रैल, 2018 को मसौदा नियम जारी किए थे, ताकि फॉर्म 46 में अनुमति देने के बाद, नैदानिक परीक्षण में उपयोग किए गए टीकों के ‘बैच’ की शेष मात्रा की व्यावसायिक उपयोग के लिए अनुमति दी जा सके।
सिंह ने कहा कि हालांकि, इस संबंध में गजट अधिसूचना, इसे लागू करने के लिए अब तक जारी नहीं की गई है। उन्होंने भारत में औषधि नियामक प्रणाली में सुधार के लिए एक उच्चाधिकार प्राप्त अंतर-मंत्रालयी समिति की सिफारिशों को लागू करने की भी मांग की। पत्र में कहा गया है कि प्रधानमंत्री के निर्देश पर, भारत में औषधि नियामक प्रणाली में सुधार के लिए एक उच्चस्तरीय अंतर-मंत्रालयी समिति का गठन तत्कालीन ‘ओएसडी’ राजेश भूषण की अध्यक्षता में किया गया था। भूषण वर्तमान में स्वास्थ्य सचिव हैं।