नई दिल्ली (एजेंसी)। देश में कोरोना महामारी की स्थिति को लेकर भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने मंगलवार को बड़ी जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सीरो सर्वे का चौथा चरण संपन्न हो चुका है। इन चारों सर्वे से पता चला है कि देश की 40 करोड़ आबादी को अब भी कोरोना वायरस से संक्रमित होने का खतरा है, जबकि दो-तिहाई लोगों में इस वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी पाई गई है।
भार्गव ने कहा कि चौथा सीरो सर्वे 21 राज्यों के 70 जिलों में कराया गया। इनमें 6-17 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों को भी शामिल किया गया था। इस दौरान हर जिले के 10 गांवों या वार्डों से 40 लोगों के सैम्पल लिए गए। हर जिले से 26 साल तक की आयु वाले 400 लोग इस सर्वे में शामिल हुए थे। वहीं, सर्वे में शामिल हर जिले और उप-जिले से 100 स्वास्थ्यकर्मियों का सैम्पल लिया गया। भार्गव ने कहा कि हमने 7252 हेल्थकेयर वर्कर्स पर भी अध्ययन किया। इनमें से 10 फीसदी ने वैक्सीन नहीं लगवाई थी, उनमें ओवरऑल सीरोप्रिविलेंस 85.2 फीसदी पाया गया।
We studied 7252 healthcare workers & 10% had not taken the vaccine, the overall seroprevalence in them was 85.2%. In conclusion, 2/3rd of general population i.e above the age of 6 yrs had SARS-CoV-2 infection: ICMR DG Dr Balram Bhargava pic.twitter.com/WLPkDnxU0j
— ANI (@ANI) July 20, 2021
सीरोप्रिविलेंस पर दी जानकारी
इस सर्वे में पता चला कि संपूर्ण जनसंख्या में सीरोप्रिविलेंस 67.6 फीसदी है। इनमें से 6-9 वर्ष आयु वर्ग के लोगों में, यह 57.2 फीसदी, 10-17 वर्षों में यह 61.6 फीसदी, 18-44 वर्षों में यह 66.7 फीसदी और 45-60 वर्ष के आयु वर्ग में 77.6 फीसदी था।
माध्यमिक विद्यालय खोलने से पहले प्राथमिक विद्यालय को खोलना बुद्धिमानी होगी
भार्गव ने कहा कि हम स्पष्ट रूप से जानते हैं कि बच्चे वयस्कों की तुलना में संक्रमण से अधिक क्षमता के साथ लड़ सकते हैं। वयस्कों की तरह बच्चों में भी एंटीबॉडी एक्सपोजर समान है। कुछ स्कैंडिनेवियाई देशों ने अपने प्राथमिक स्कूलों को कोरोना की किसी भी लहर के आने के बाद बंद नहीं किया। उन्होंने कहा कि मेरे विचार से माध्यमिक विद्यालय खोलने से पहले प्राथमिक विद्यालय को खोलना बुद्धिमानी होगी। स्कूल बस चालक, शिक्षक और स्कूल के अन्य कर्मचारियों के सभी सहायक कर्मचारियों को टीकाकरण की आवश्यकता है।
जानिए क्या है सीरो सर्वे
इस सर्वे से यह पता लगाया गया कि कितनी आबादी कोरोना से संक्रमित हुई है। कह सकते हैं कि कितने फीसदी लोगों में कोरोना के प्रति हर्ड इम्युनिटी विकसित हुई है। सीरो सर्वे में किसी क्षेत्र में रहने वाले कई लोगों के खून के सीरम की जांच की जाती है। लोगों के शरीर में कोरोना वायरस से लडऩे वाले एंटीबॉडी की मौजूदगी के साथ ही यह पता चल जाता है कि कौन सा शख्स इस वायरस से संक्रमित था और फिलहाल ठीक हो चुका है।