नई दिल्ली (एजेंसी)। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर सहकारी बैंक में वर्तमान में हो रही समस्याओं से अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में इस क्षेत्र में कुछ विसंगतियों और कानूनी अक्षमता पर ध्यान देने की जरूरत है, साथ ही उन्होंने 97 वें संवैधानिक संशोधन के बारे में भी चर्चा की।
उन्होंने लिखा कि सहकारी बैंकिंग क्षेत्र राज्य का मामला है। सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र का कोई भी हस्तक्षेप असंवैधानिक होगा। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा ने सहकारी क्षेत्र के लिए कानून बनाए हैं और केंद्र को राज्य द्वारा तैयार किए गए कानून में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है।
पवार ने कहा कि वर्तमान में केंद्र द्वारा संशोधित अधिनियम बोर्ड के गठन और अध्यक्ष के चुनाव, प्रबंध निदेशक की नियुक्ति आदि के संबंध में सहकारी अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों को खत्म करता है।
NCP chief Sharad Pawar points "certain inconsistencies&the resulting legal inefficacy of normative provisions of the Act that are in conflict most specifically with the 97th Constitutional Amendment," in a letter to the PM on recent development in the co-operative banking sector pic.twitter.com/uC61eL9eI6
— ANI (@ANI) July 17, 2021
बता दें कि इससे पहले भी शरद पवार ने केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए सहकारिता मंत्रालय पर भी बड़ा बयान दिया था। उन्होने कहा था कि केंद्र का नव गठित मंत्रालय बहुराज्यीय सहकारी संस्थानों के बारे में है। पवार ने कहा था कि एक से ज्यादा राज्यों में, जिसे बहुराज्यीय कहा जाता है, पंजीकृत सहकारी संस्थानों पर एक राज्य नियंत्रण नहीं रख सकता और उस पर केंद्र सरकार का नियंत्रण होता है।
उन्होंने कहा था कि ऐसे बहुराज्यीय सहकारी संस्थानों के बारे में कोई फैसला करना केंद्र सरकार के सहकारिता विभाग के तहत आता है। उन्होंने कहा कि यह ऐसा कोई नया फैसला नहीं है। जब मैं केंद्र सरकार में था तो यह तब भी था। लेकिन, दुर्भाग्य से मीडिया एक अलग तस्वीर पेश कर रहा है कि केंद्र का सहकारिता मंत्रालय महाराष्ट्र में सहकारी आंदोलन पर कब्जा जमा सकता है या उसे खत्म कर सकता है।
केंद्र सरकार ने हाल में नया सहकारिता मंत्रालय बनाया है, जो पूर्व में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय में एक छोटा विभाग था। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को इस नए मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
समान नागरिक संहिता से जुड़े एक सवाल पर पवार ने कहा कि जब तक केंद्र सरकार इस पर कोई फैसला नहीं ले लेती, मैं कोई टिप्पणी नहीं कर सकता। हमें इस पर केंद्र सरकार के रुख का इंतजार है। एक बार जब वे इसे पास कर देंगे, तभी हम इस पर कुछ कह सकते हैं।