नई दिल्ली (एजेंसी)। महामारी से प्रभावित क्षेत्रों को ऋण प्रदान करने की ताजा पहल तथा अन्य राहत उपायों से राजकोषीय घाटे पर 0.60 फीसदी का अतिरिक्त प्रभाव पड़ेगा। इससे बैंकों के लिए 70,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त तरलता सुविधा उपलब्ध होगी। एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है।
छोटे कारोबार क्षेत्रों के लिए अतिरिक्त ऋण
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को छोटे कारोबार क्षेत्रों को 1.5 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त ऋण उपलब्ध कराने की घोषणा की। साथ ही उन्होंने स्वास्थ्य क्षेत्र को अतिरिक्त कोष, पर्यटन एजेंसियों और गाइड को ऋण तथा वीजा शुल्क माफी जैसी घोषणाएं कीं। ये पैकेज मुख्य रूप से बैंकों और सूक्ष्म वित्त संस्थानों को सरकारी गारंटी के रूप में दिया गया है। पूर्व के इस तरह के पैकेजों को जोड़कर यह राशि 6.29 लाख करोड़ रुपये बनती है।
70,000 करोड़ रुपये के ऋण का होगा सृजन
एसबीआई रिसर्च के विश्लेषण के अनुसार, 1.10 लाख करोड़ रुपये की नई घोषणाओं के समान वितरण के अनुमान, साथ में 50 फीसदी और 75 फीसदी गारंटी कवर और 100 फीसदी के जोखिम भारांश के साथ बैंकों के पास करीब 7,500 करोड़ रुपये की पूंजी राहत होगी, जिससे 70,000 करोड़ रुपये के ऋण का सृजन हो सकेगा।
घोषणाओं में व्यापक रूप से चार क्षेत्रों पर जोर
एसबीआई के मुख्य अर्थशास्त्री सौम्य कांति घोष ने रिपोर्ट में कहा कि, ‘सोमवार की घोषणाओं में व्यापक रूप से चार क्षेत्रों- स्वास्थ्य, पर्यटन, एमएफआई तथा कृषि पर जोर दिया गया है। जिन अन्य उपायों की घोषणा की गई है उनसे पहले से मौजूद व्यवस्था को बेहतर किया जा सकेगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रोत्साहन पैकेज में महामारी से बुरी तरह प्रभावित पर्यटन क्षेत्र को सहारा देने की कोशिश की। वहीं, महामारी की तीसरी लहर में बच्चों के प्रभावित होने की आशंका के बीच उनके लिए विशेष ध्यान दिया गया है। इसके अलावा, गरीबों, किसानों, बेरोजगारों पर भी सरकार ने राहत की बारिश की है। वित्त मंत्री ने कहा, अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए आठ मुख्य राहत उपाय किए गए हैं। वहीं, इनके अलावा भी कुछ अन्य कदम उठाए गए हैं, ताकि आर्थिक विकास को गति दी जा सके। सरकार की इन घोषणाओं में कुछ नई योजनाएं शामिल हैं, जबकि कुछ पुरानी योजनाओं का विस्तार दिया गया है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में निर्मला के साथ ही वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर भी मौजूद थे।