नई दिल्ली (एजेंसी)। भगोड़े नीरव मोदी को अब भारत लौटना ही पड़ेगा। यूनाइटेड किंगडम की अदालत से नीरव मोदी को अब जोरदार झटका लगा है। बुधवार को यूके हाईकोर्ट ने नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील करने के आवेदन को खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट में आवेदन देकर भगोड़े हीरा कारोबारी ने कहा था कि वो भारत में अपने प्रत्यर्पण के खिलाफ अदालत में अपील करना चाहता है। लेकिन अदालत ने उसके इसी आवेदन को खारिज कर उसे झटका दिया है। यानी अब नीरव मोदी अदालत में अपने प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील नहीं कर सकेगा। हाईकोर्ट के जज ने अपील के लिए अदालत में पेश किए गए कागजात पर फैसला लिया और निर्धारित किया कि धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों का सामना करने के लिए मोदी के प्रत्यर्पण के पक्ष में वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट के फरवरी के फैसले के खिलाफ अपील करने का कोई आधार नहीं है।
UK High Court refuses fugitive diamantaire Nirav Modi's application to appeal against his extradition to India.
— ANI (@ANI) June 23, 2021
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नीरव मोदी पर पंजाब नेशनल बैंक को 14,000 करोड़ रुपए से ज्यादा का चूना लगाने का आरोप है। आरोप लगने के बाद से फरार नीरव मोदी ने पिछले ही महीने लंदन हाईकोर्ट में भारत में अपने प्रत्यर्पण के खिलाफ एक अपील दायर की थी। 15, अप्रैल 2021 को यूके की गृह सचिव प्रीति पटेल ने आदेश दिया था कि 50 साल के नीरव मोदी को भारत प्रत्यर्पित कर दिया जाए। 19 मार्च, 2019 को लंदन में गिरफ्तार किये जाने के बाद से ही नीरव मोदी Wandsworth जेल में कैद है।
करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी का आरोप लगने के बाद नीरव मोदी 1 जनवरी, 2018 को भारत छोड़ कर फरार हो गया था। ट्रायल कोर्ट ने नीरव के खिलाफ अरेस्ट वारंट भी जारी किया था। जून 2018 में नीरव मोदी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी हुआ था। यूके पुलिस ने नीरव मोदी को गिरफ्तार किया था। उसने जमानत के लिए कई बार अर्जी दी लेकिन वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट और हाईकोर्ट ने बार-बार उसकी अर्जी खारिज कर दी।आपको बता दें कि देश के तीन चर्चित भगोड़े विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी पर शिकंजा धीरे-धीरे कसता जा रहा है। इधर बुधवार को ही प्रवर्तन निदेशालय ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि ईडी ने न केवल पीएमएलए के तहत विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के मामले में 18,170.02 करोड़ (बैंकों को कुल नुकसान का 80.45त्न) रुपये की संपत्ति को जब्त किया है, बल्कि 9371.17 करोड़ की कीमत वाली संपत्ति को सरकारी बैंकों को ट्रांसफर भी किया है। इन पैसों से धोखाधड़ी से हुए नुकसान की भरपाई की जाएगी।