भिलाई। सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र द्वारा भिलाई टाउनषिप में की जा रही जलापूर्ति अपने मानक स्तर पर आ चुकी है। टाउनशिप को वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से प्रदत्त पेयजल से मटमैलापन की समस्या पूरी तरह समाप्त हो चुकी है। शुक्रवार को वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में किये गये जांच रिपोर्ट से यह बात स्पष्ट हो गई है कि पेयजल के रंगीन होने की समस्या समाप्त हो चुकी है। आज दिनांक 11 जून, 2021 को किया गया पेयजल आपूर्ति अप्रेल माह से पूर्व किये जा रहे जलापूर्ति के समान हो चुका है। पानी का रंग पूर्णरूपेण साफ हो चुका है।
विदित हो कि पानी की यह समस्या छत्तीसगढ़ शासन के जल संसाधन विभाग द्वारा तांदुला से गंदे पानी के आपूर्ति की वजह से उत्पन्न हुई थी। छत्तीसगढ़ शासन से बीएसपी के अनुरोध पर जल संसाधन विभाग द्वारा तांदुला से गंदे पानी की आपूर्ति बंद करने के बाद जल संसाधन विभाग ने भिलाई इस्पात संयंत्र के लिए गंगरेल से साफ पानी की आपूर्ति प्रारंभ की गई जिसके कारण इस समस्या पर काबू पाया जा सका।
भिलाई इस्पात संयंत्र का वाटर ट्रीटमेंट प्लांट सदैव ही पेयजल का शुद्ध करने में मानक प्रक्रियाओं का पालन करता आ रहा है। आज के रिपोर्ट ने यह साबित कर दिया कि इसके संचालन व तकनीक में कोई खराबी नहीं है आज भी यह शुद्ध जल उपलब्ध कराने में पूरी तरह सक्षम है। पानी की मूल समस्या छत्तीसगढ़ शासन के जल संसाधन विभाग द्वारा छोड़े गए रॉ वाटर में थी जिसे अब गंगरेल से साफ पानी की आपूर्ति कर दूर कर लिया गया है और यह तथ्य पानी के जांच रिपोर्ट से भी स्पष्ट हो गई है। 17 मई, 2021 को जल संसाधन विभाग द्वारा रॉ वाटर की जो आपूर्ति की गई थी उसके पानी का रंग 42 यूटीसी था जिसे वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में जलषोधन के बाद 7 यूटीसी तक लाया जा सका। परन्तु 11 जून, 2021 को जल संसाधन विभाग द्वारा रॉ वाटर की जो आपूर्ति की गई उसके पानी का रंग 24 यूटीसी था जिसे जलषोधन के बाद 3 यूटीसी तक लाया जा सका जो कि वांछित 5 यूटीसी के मापदण्ड के अंदर है। यही वजह है कि आज पानी का रंग एकदम साफ हो चुका है।
इसी प्रकार 17 मई, 2021 को जल संसाधन विभाग द्वारा रॉ वाटर की जो आपूर्ति की गई थी उस पानी की टरबिडिटी 17 जेटीयू था जिसे जलषोधन के बाद 2.9 जेटीयू तक लाया जा सका। परन्तु 11 जून, 2021 को जल संसाधन विभाग द्वारा रॉ वाटर की जो आपूर्ति की गई उस पानी की टरबिडिटी 9 जेटीयू था जिसे जलषोधन के बाद 2.4 जेटीयू तक लाया जा सका जो कि वांछित 5 जेटीयू के मापदण्ड के अंदर है। इस प्रकार बीएसपी का पानी पीने योग्य होने के साथ-साथ रंग में भी साफ हो चुका है।
बीएसपी प्रबंधन छत्तीसगढ़ शासन के जल संसाधन विभाग के प्रति आभार व्यक्त करती है कि जिसने टाउनषिप के इस मटमैले पानी की समस्या को दूर करने के लिए बीएसपी के अनुरोध पर तांदुला से गंदे पानी की आपूर्ति बंद कर गंगरेल से साफ पानी की आपूर्ति सुनिष्चित की है। इस प्रकार बीएसपी के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट पर उठने वाले सवाल पर आज विराम लग गया।