नई दिल्ली (एजेंसी)। देश कोरोना वायरस की दूसरी लहर का कोहराम जारी है और इससे रोकने के लिए टीकाकरण को कारगार उपाया माना गया है। देश में बड़े पैमाने पर टीकाकरण शुरू तो किया गया लेकिन लगातार टीकों की कमी के कारण कई केन्द्रों में टीके नहीं लग रहे हैं। अप्रेल में जहां टीकाकरण का जोर था वहीं मई के महीने में देश में टीकाकरण का आंकड़ा घटा है। सरकार की ओर से हमेशा लोगों को वैक्सीन लगवाने पर जोर दिया गया है लेकिन टीकाकरण की रफ्तार जब तेज नहीं होगी, तब तक सरकारी लक्ष्य को पूरा नहीं किया जा सकता। अप्रैल महीने में टीकाकरण तेजी से बढ़ रहा था लेकिन मई के आते-आते यह आधा रह गया।
कोविड19 इंडिया की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल में जब संक्रमण ने जोर पकड़ा तो टीकाकरण में तेजी आई थी और दस अप्रैल को 36,59,356 लोगों को एक दिन में वैक्सीन लगाई गई थी। लेकिन इसके बाद लगातार टीकाकरण की संख्या घटने लगी। वहीं 21 मई को 24 घंटों के अंदर 17,97,274 खुराकें लगाई गईं। इन 40 दिनों के अंदर टीकाकरण में 50.88 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। अप्रैल में औसतन हर दिन 30,24,362 लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही थी लेकिन मई में ये आंकड़ा घटकर 16,22,087 हो गया। covid19india.org के मुताबिक, एक मई से लेकर 20 मई के बीच केवल पांच दिन ही ऐसा हुआ, जब एक दिन में टीकाकरण की संख्या 20-25 लाख के बीच पहुंची।
कई राज्यों में 18+ नहीं लग रही वैक्सीन
आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल में नौ करोड़ और मई में चार करोड़ टीके लगाए गए। भारत में 18 साल से ज्यादा की आबादी के 94 करोड़ लोग हैं। इन लोगों को टीके की दो खुराकें लगाने के लिए 188 करोड़ खुराकों की जरूरत है। टीकों की कमी की वजह से कुछ राज्यों में 18+ लोगों को वैक्सीन नहीं लग रही है। वैक्सीन की कमी का यह आलम है कि जिन राज्यों में वैक्सीनेशन शुरू है वहां कई केन्द्रों को बंद करने की नौबत आ गई है। रोजाना लगाने के लिए औसत टीकों की भी कमी है। विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना की दूसरी लहर में पिछले कुछ दिनों से संक्रमण कम हुआ है लेकिन वैक्सीनेशन नहीं होने से देश में तीसरे लहर को रोक पाना संभव नही हैं।
टीकों की संख्या देखे बिना सरकार ने बढ़ाया टीकाकरण अभियान का दायरा
टीकों की कमी को लेकर दुनिया की सबसे बड़ी टीका निर्माता कंपनियों में से एक सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के कार्यकारी निदेशक सुरेश जाधव ने इन हालात का ठीकरा सरकार के ही सिर फोड़ दिया है। पुणे स्थित कंपनी के कार्यकारी निदेशक ने कहा कि सरकार ने डब्ल्यूएचओ के दिशानिर्देशों और अपने पास मौजूद टीकों के स्टॉक का आकलन किए बिना ही विभिन्न आयु वर्गों के लोगों का टीकाकरण शुरू कर दिया। उन्होंने कहा, शुरुआत में 30 करोड़ लोगों को टीका दिया जाना था, जिसके लिए 60 करोड़ खुराक की आवश्यकता थी। लेकिन हमारे तय लक्ष्य तक पहुंचने से पहले ही सरकार ने पहले 45 साल से ऊपर के और फिर 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों के लिए टीकाकरण कार्यक्रम के दरवाजे खोल दिए।