भिलाई। सिकलीन पीडि़त जशपुर की एक बच्ची को श्री मानव सेवा फाउंडेशन की पहल पर सहारा मिला। मरीज की तबीयत बिगडऩे पर उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने तत्काल उसे खून चढ़ाने की जरूरत बताई। इसके बाद पिता काफी परेशान हो गए। बच्ची का जीवन बचाने की जद्दोजहद के बीच उन्हें किसी के माध्यम से श्री मानव सेवा फाउंडेशन के सदस्य भिलाई निवासी कीर्ति कुमार परमानंद का नंबर मिला। उन्होंने फोन पर कीर्तिकुमार से संपर्क किया तो उन्होंने भिलाइ में रहते हुए जशपुर से तीन लोगों से रक्त दान करवाकर बच्ची का जीवन बचाया।
जशपुर कुनकुरी के पास रेमटे गांव निवासी मंगल राम चकरेस की तेरह वर्षीय बच्ची सिकलीन से पीडि़त है। 13 मई को तबीयत बिगडऩे पर उसे जिला अस्पताल जशपुर में भर्ती कराया गया। जब बच्ची को भर्ती कराया गया तब उसका हीमोग्लोबिन 4 ग्राम था और डॉक्टरों ने ब्लड चढ़ाने की जरूरत बताई। ब्लड को लेकर दो दिनों से उनके पिता काफी परेशान थे। बच्ची के लिए बी पॉजीटिव ब्लड की जरूरत थी। मंगलराम ने भिलाई में श्री मानव सेवा फाउंडेशन के सदस्य कीर्ति कुमार परमानंद से संपर्क किया। कीति परमानंद ने बिना देर किए बच्ची की जरूरत को देखते हुए तीन युनिट ब्लड की तत्काल आपूर्ति कराई। कीर्ति कुमार के प्रयास से जशपुर के जेल प्रहरी आरक्षक दुर्गेश कृष्णा यादव, ट्रैफिक प्रभारी सौरभ चंद्राकर और महिला सेल प्रभारी सब इंसपेक्टर रश्मि थॉमस ने रक्तदान कर बच्ची का जीवन बचाया। समय पर रक्त मिलने से बच्ची के पिता मंगल राम ने श्री मानव सेवा फाउंडेशन व सभी रक्तदाताओं का आभार व्यक्त किया।
कीर्ति कुमार परमानंद ने बताया कि संस्था के सदस्यों द्वारा इस कोरोना महामारी के दौरान लगभग 1500 से ज्यादा यूनिट रक्त लोगो को दिलवाया गया है। वे खुद भी इस महामारी में 3 बार व्होल ब्लड व एक बार एसडीपी सिंगल डोनर प्लेटलेट्स रक्तदान कर चुके हैं।