गोरखपुर (एजेंसी)। गांव ददरा में कोरोना संक्रमित बुजुर्ग स्वराज हिंद पासवान उर्फ गल्ला को सांस लेने की तकलीफ पर अस्पताल में जगह नहीं मिली तो परिजनों ने प्रतीकात्मक विरोध में उनको पीपल के पेड़ के नीचे चारपाई पर सुला दिया। यूं तो अस्पताल में जगह न मिलने पर यह सब किया गया, मगर इसके बाद सारा परिदृश्य ही बदल गया। ग्रामीणों का दावा है कि बुजुर्ग का गिरता ऑक्सीजन स्तर दो घंटे में ही सुधर गया। अब उन्हें आइसोलेट करके काढ़ा व जरूरी दवाएं दी जा रही हैं।
जानकारी के मुताबिक, गोला पीएचसी के तहत आने वाले ददरा गांव निवासी स्वराज हिंद पासवान उर्फ गल्ला कोरोना पॉजिटिव हैं। शुक्रवार को उन्हें सांस लेने में दिक्कत हुई। ऑक्सीजन लेवल भी कुछ कम हो गया। इससे चिंतित परिजनों ने अस्पताल की तलाश शुरू की, ताकि बुजुर्ग को दाखिल करा सकें। बड़हलगंज के दुर्गावती अस्पताल में एक भी बेड खाली नहीं मिला। मोबाइल फोन से गोरखपुर के अस्पतालों में बेड की जानकारी ली गई।
जब बेड नहीं मिला तो परिजन सीएमओ कार्यालय से सेवानिवृत्त कर्मचारी सुधांशु श्रीवास्तव के पास गए। परिजनों ने मदद मांगी तो सुधांशु ने कहा कि स्वराज को पीपल के पेड़ के नीचे चारपाई डालकर सुला दें। पीपल के पेड़ के नीचे ऑक्सीजन ज्यादा मिलती है।
परिजनों को बेड न मिलने से नाराजगी भी थी, यह सुझाव सामने आया तो उन्होंने प्रतीकात्मक विरोध और सुझाव के सम्मान के तौर पर बुजुर्ग को पीपल के पेड़ के नीचे चारपाई पर सुला दिया। बुजुर्ग के बेटे शैलेश, भतीजे निखिल व ऋतिक के मुताबिक दो घंटे बाद ही स्वराज की सांस लेने में दिक्कत कम हो गई। ऑक्सीजन का स्तर भी फिलहाल ठीक है।