नई दिल्ली (एजेंसी)। कोरोना टीकाकरण का चौथा चरण शुरू होने से पहले केंद्र सरकार ने ज्यादा से ज्यादा प्राइवेट सेंटर स्थापित करने का आदेश दिया है। शनिवार (24 अप्रैल) को हुई बैठक में राज्यों से कहा है कि वे आगामी एक मई से पहले अपनी तैयारी पूरी कर लें। 18 से 45 वर्ष की आयु के लोगों के लिए टीकाकरण जल्द से जल्द पूरा करना जरूरी है। इसके लिए ज्यादा से ज्यादा सेंटर भी स्थापित होने चाहिए। इस दौरान राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए नई टीकाकरण रणनीति के लिए दिशा-निर्देश भी जारी किए। बैठक में स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने राज्यों से कहा है कि वे मिशन मोड पर आकर टीकाकरण की तैयारियों में जुट जाएं।
बता दें कि केंद्र सरकार ने 1 मई से 18 साल से अधिक उम्र के लोगों का टीकाकरण कराने का फैसला लिया है। फिलहाल 45 साल या उससे अधिक उम्र के लोगों का टीकाकरण किया जा रहा है लेकिन कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए सरकार ने 18 साल से अधिक वालों के लिए भी टीकाकरण शुरू करने का फैसला लिया है। आगामी 28 अप्रैल से 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के लिए पंजीयन की सुविधा शुरू हो जाएगी। इससे पहले नए बनाए जा रहे केंद्रों का काम पूरा करने के बाद उनकी सूची कोविन वेबसाइट पर अपलोड करने के लिए उपलब्ध कराएं। साथ ही उन अस्पतालों पर नजर रखने के लिए कहा है जिन्होंने वैक्सीन की खरीदी फॉर्मा कंपनी से की है और इसके सर्विस चॉर्ज को लेकर अपनी कीमत स्पष्ट की है। निर्देश में कहा गया है कि टीकाकरण स्लॉट के साथ-साथ पात्र लोगों के लिए टीकाकरण शेड्यूल करना होगा। उन्हें टीकों की प्रत्यक्ष खरीद के संबंध में निर्णय को प्राथमिकता देनी होगी। केंद्र ने उन्हें 18-45 वर्ष आयु वर्ग के लिए केवल ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा के बारे में बताने के लिए कहा है। इसके साथ-साथ केंद्र ने और भी कई दिशा निर्देश दिए हैं।
बैठक में राज्यों को मिले निर्देश
- कोविड वैक्सीनेशन सेंटर पर भीड़ को मैनेजमेंट करने के लिए कानून-व्यवस्था के अधिकारियों के साथ समन्वय करना होगा।
- कोरोना वैक्सीनेशन सेंटर के कर्मचारियों को बकायदा ट्रेनिंग दिया जाएगा और उनके टीके के इफेक्ट के बारे में भी बताना होगा।
- अतिरिक्त कोविड-19 अस्पतालों की पहचान करने और जरूरत पड़े तो डीआरडीओ और सीएसआईआर या फिर किसी भी एजेंसी की मदद से हॉस्पिटल तैयार करें।
- अस्पताल के बेड पर नजर रखने के लिए रियल टाइम व्यवस्था अपनाएं ताकि आम जनता को मुश्किलों का सामना न करना पड़े।