नई दिल्ली (एजेंसी)। पेट्रोल और डीजल की कीमतों से आम लोगों को जल्द राहत मिल सकती है। वित्त मंत्रालय पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी घटाने की योजना बना रहा है। सूत्रों की माने तो 15 मार्च तक तेल पर केन्द्र सरकार एक्साइज ड्यूटी कम करने पर विचार कर रही है। केन्द्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा इस मामले में राज्यों, तेल कंपनियों और तेल मंत्रालय बातचीत कर रहे हैं। इसमें तेल कंपनियों से सहमति मिलने की उम्मीद है।
बता दें कि देश में इन दिनों पेट्रोल व डीजल सहित एलपीजी पर आग लगी हुई है। तेल कंपिनियां रोजाना दरों में वृद्धि कर रही हैं और केन्द्र व राज्य सरकारों से किसी प्रकार की राहत नहीं मिल रही है। विशेषकर पेट्रोल व डीजल पर केन्द्र सरकार बेतहासा टैक्स वसूल रही है। इसके कारण कई राज्यों में पेट्रोल की कीमत अब 100 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गया है। आम लोग और विपक्ष इसका विरोध कर रहे हैं। लगातार ईंधन की कीमतें बढऩे से ट्रांसपोर्टेशन खर्च भी बढ़ रहा है, इसका असर सब्जियों के दाम समेत कई और चीजों पर भी पड़ रहा है। आम जनता महंगाई से परेशान है। सरकार ईंधन की बढ़ती कीमतों की वजह अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल प्राइस में उछाल को बता रही है। केन्द्र सरकार पेट्रोल व डीजल के बेस प्राइस पर अत्याधिक एक्साइज वसूल करती है। ऐसे में यदि एक्साइज में केन्द्र कटौती करता है कि आम लोगों को राहत मिल सकती है।
दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल बाजार वाला देश भारत अपने यहां विकास को बढ़ावा देने के लिए क्रूड ऑयल पर निर्भर है। भारत में हर साल करीब 2116 लाख टन तेल की खपत होती है, जिसमें से 350 लाख टन से कम का उत्पादन भारत में होता है। भारत के पास पर्याप्त भंडार नहीं है। भारत अपने यहां करीब 85 फीसदी क्रूड ऑयल का आयात करता है, जो ईंधन की बढ़ती कीमतों का एक बड़ा कारण है। तेल उत्पादक देशों ने आपूर्ति कटौती की है, लेकिन मांग लगातार बढ़ती जा रही है। इसके चलते ईंधन की कीमतें बढ़ती जा रही हैं। भारत में तेल पर 200 फीसदी से ज्यादा तो टैक्स लगता है।