नईदिल्ली (एजेंसी)। टोल नाकों पर फास्टैग अनिवार्य किए जाने के बाद देशभर में रिकार्ड टोल कलेक्शन हो रहा है। फास्टैग के जरिए रोजाना टोल कलेक्शन करीब 104 करोड़ रुपये तक पहुंचा गया है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने यह जानकारी दी है। एनएचएआई ने कहा कि 16 फरवरी से टोल प्लाजा से गुजरने वाले यात्रियों से फास्टैग के जरिए ही टोल शुल्क का भुगतान अनिवार्य कर दिए जाने के बाद, फास्टैग के माध्यम से टोल संग्रह में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
एनएचएआई ने बयान जारी कर बताया कि मौजूदा सप्ताह में टोल संग्रह प्रतिदिन 100 करोड़ रुपये से ज्यादा रहा है। फास्टैग के जरिए टोल संग्रह रोजाना 64.5 लाख रुपये से ज्यादा के भुगतान के साथ अब तक के सबसे ज्यादा 103.94 करोड़ तक पहुंच गया है। फास्टैग के सुचारू कार्यान्वयन ने इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन ट्रांसेक्शन के लिहाज में 20 फीसदी और फास्टैग के जरिए उपयोगकर्ता शुल्क के संग्रह के मामले में 27 फीसदी की वृद्धि दर्ज की है।
दो सप्ताह में 20 लाख नए फास्टैग उपयोगकर्ता जुड़े
एनएचएआई ने कहा कि फास्टैग के अभियान को हाईवे का इस्तेमाल करने वालों की ओर से बढिय़ा समर्थन मिला है। पिछले दो सप्ताह के दौरान लगभग 20 लाख नए फस्टैग उपयोगकर्ता जुड़े हैं, जिसके बाद कुल फास्टैग जारी करने की संख्या बढ़कर 2.8 करोड़ हो गई है। फास्टैग कार्यान्वयन ने राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क प्लाजा में वेटिंग पीरियड को काफी कम कर दिया है, जिसका असर यह है कि उपयोगकर्ताओं का अनुभव बेहतर हुआ है।
फास्टैग से टोल परिचालन बन रहा बेहतर
एनएचएआई ने बयान में कहा है कि हाईवे उपयोगकर्ताओं के फास्टैग को लगातार अपनाना न सिर्फ उत्साह बढ़ाने वाला है, बल्कि इससे टोल परिचालन को और ज्यादा बेहतर तरीके से चलाने में मदद मिलेगी। इससे भविष्य में सड़क संपत्ति के सही मूल्यांकन हो सकेगा और देश में राजमार्ग के बुनियादी ढांचे में निवेश करने के लिए ज्यादा निवेशक सामने आएंगे। एनएचएआई ने कहा है कि फास्टैग के जरिए टोल का भुगतान आसान होने के साथ सुविधाजन भी हुआ है जो हाइवे का इस्तेमाल करने वालों को खासा फायदा पहुंचा रहा है।