मेलबर्न/स्पोट्र्स डेस्क (एजेंसी)। भारत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर खेले गए चार टेस्ट मैचों की बॉर्डर-गावस्कर सीरीज का दूसरा टेस्ट मैच आठ विकेट से जीतकर सीरीज में 1-1 की बराबरी हासिल कर ली है। एडिलेड में खेले गए सीरीज के पहले मैच के बाद टीम इंडिया के नियमित कप्तान विराट कोहली पैटरनिटी लीव पर स्वदेश लौट गए और इस मैच में अजिंक्य रहाणे ने टीम की कमान संभाली। मोहम्मद शमी, विराट कोहली जैसे दिग्गज खिलाडिय़ों की गैरमौजूदगी में टीम इंडिया ने जिस तरह से यह टेस्ट मैच जीता, उसने क्रिकेट जगत को बता दिया है कि टीम इंडिया किसी एक खिलाड़ी पर निर्भर नहीं है। इस टेस्ट मैच में शुभमन गिल और मोहम्मद सिराज ने डेब्यू किया और दोनों ने ही अपने खेल से सबका दिल जीता।
रहाणे की दमदार कप्तानी: एडिलेड में टीम इंडिया दूसरी पारी में महज 36 रन बना सकी थी और आठ विकेट से मैच हारकर इस मैच में खेलने उतरी। विराट स्वदेश लौट गए थे, ऐसे में रहाणे ने जिस तरह से टीम को फ्रंट से लीड किया, वह सालों तक याद किया जाएगा। टॉस हारने के बाद ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी का फैसला लिया। रहाणे ने जिस तरह से गेंदबाजी में बदलाव किए और फील्ड सेट की, उन्होंने दुनिया को दिखा दिया कि वह कोई नौसिखिया कप्तान नहीं हैं। इसके बाद बल्लेबाजी की बारी आई तो रहाणे ने सेंचुरी ठोककर टीम को 300 के पार पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई। रविंद्र जडेजा की गलती पर रनआउट होकर पवेलियन लौटते हुए रहाणे ने जिस तरह से अपनी प्रतिक्रिया दी, उसने भी क्रिकेट जगत का दिल जीत लिया।
डेब्यू करने वाले शुभमन और सिराज ने जीता दिल: सिराज ने पहली पारी में मार्नस लाबूशेन और कैमरोन ग्रीन के अहम विकेट झटके, इसके बाद दूसरी पारी में उन्होंने ट्रैविस हेड, कैमरोन ग्रीन और नाथन लायन को पवेलियन भेजा। ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी के दौरान उमेश यादव चोटिल हो गए और महज 3.3 ओवर की ही गेंदबाजी कर सके। उमेश यादव के मैदान से बाहर जाने के बाद जसप्रीत बुमराह की अगुवाई में सिराज ने जबर्दस्त गेंदबाजी की। वहीं शुभमन गिल ने पहली पारी में 45 और दूसरी पारी में नॉटआउट 35 रनों की पारी खेली।
विराट और शमी के बिना जीत के मायने अलग: इस मैच में विराट कोहली, मोहम्मद शमी, रोहित शर्मा और ईशांत शर्मा जैसे दिग्गज क्रिकेटर्स नहीं खेले, इसके बावजूद टीम इंडिया ने जिस तरह से ऑस्ट्रेलिया को उसी की धरती पर धूल चटाई है, उसकी तारीफ होना लाजमी है। विराट के पैटरनिटी लीव पर जाने के बाद से इस बात की चर्चा हो रही थी कि अब टीम इंडिया यह सीरीज 0-4 से हारेगी, लेकिन टीम इंडिया ने इस मैच में एक यूनिट के तौर पर जबर्दस्त प्रदर्शन किया और ऐसी तमाम भविष्यवाणियों को गलत साबित कर दिया।
जडेजा की फिफ्टी: रविंद्र जडेजा पिछले कुछ समय में अपनी बल्लेबाजी के लिए काफी चर्चा में रहे हैं। इस मैच में भी उन्होंने अहम मौके पर कप्तान रहाणे का साथ निभाया और टीम इंडिया को पहली पारी में 100 से ज्यादा रनों की बढ़त दिलाने में अहम भूमिका निभाई। जडेजा ने हाफसेंचुरी ठोकी और साथ ही गेंदबाजी भी अच्छी की। पहली पारी में उन्होंने एक और दूसरी पारी में दो विकेट लिए।
पहले टेस्ट मैच में टीम इंडिया की फील्डिंग बहुत खराब रही थी और मेलबर्न में फील्डिंग काफी चुस्त नजर आई। इसके अलावा दूसरे टेस्ट मैच में डीआरएस और तीसरे अंपायर के फैसलों को लेकर काफी विवाद हुआ है। मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने भी आईसीसी से मांग की है कि डीआरएस पर खासकर अंपायर्स कॉल को लेकर गहराई से काम किया जाना चाहिए।