रायपुर। छत्तीसगढ़ पुलिस ने पिछले दो साल में ऐसे ही कई मा्र-बाप के चेहरे पर मुस्कान वापस की है। ऑपरेशन मुस्कान के जरिए छत्तीसगढ़ पुलिस ने 4 हजार 317 गुम हुए बच्चों को खोज निकाला है। जो अपने आप मे एक रिकॉर्ड है। खोजे हुये बच्चों में 741 बालक और 3576 बालिकाएं हैं। जिनमें से अधिकांश को उनके परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया है। पिछले दो सालों में कुल 5 हजार 227 बच्चों की गुमशुदगी दर्ज की गई है।
गुम हुए बच्चों को ढूंढने के लिये छत्तीसगढ़ पुलिस ऑपरेशन मुस्कान चलाती है। अलग-अलग महीनों में विशेष अभियान चलाकर इतनी बड़ी संख्या में बच्चों को ढूंढकर परिजनों को सौंपा गया है। डीजीपी डीएम अवस्थी ने बताया कि गुमशुदा बच्चे को तत्काल बरामद किया जाना आवश्यक है क्योंकि गुम बच्चों से विभिन्न प्रकार के अपराध जैसे भिक्षावृत्ति, बालश्रम, लैंगिक शोषण आदि के शिकार होने की संभावनायें प्रबल होती हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर विगत दो वर्षों से राज्य में गुमशुदा बच्चों के खोजबीन हेतु ‘ऑपरेशन मुस्कानÓ अभियान चलाया जा रहा है। गुम हुये बच्चों को ढूंढने के लिए छत्तीसगढ़ पुलिस मिशन मोड पर काम करती है।
जाने कहां कितने बच्चे मिले
छत्तीसगढ पुलिस द्वारा गुम हुए बच्चों में रायपुर में 648, बलौदाबाजार में 197,महासमुन्द में 97, धमतरी में 117, ? गरियाबन्द में 72, रेल रायपुर में 03, बिलासपुर में 373, गौपेम में 45, रायगढ में 285, जांजगीर में 207, कोरबा में 229, मुंगेली में 124, दुर्ग में 378, राजनांदगांव में 193, कबीरधाम में 150, बेमेतरा में 114, बालोद में 111, सरगुजा में 149, जशपुर में 113, कोरिया में 111, बलरामपुर में 116, सूरजपुर 116, बस्तर में 147, दंतेवाडा में 27, कांकेर में 100, बीजापुर में 25, नारायणपुर में 24, सुकमा में 16 और कोण्डागांव में 30 बच्चों को बरामद किया गया है।