नई दिल्ली (एजेंसी)। पूरी दुनिया इस समय कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ रही है। वहीं कुछ देशों में टीकाकरण भी शुरू हो गया है। लेकिन इसी बीच ब्रिटेन सहित छह देशों में कोरोना के नए स्ट्रेन (रूप) ने दुनिया की चिंता बढ़ा दी है। यह स्ट्रेन ब्रिटेन के बाद नीदरलैंड्स, डेनमार्क, ऑस्ट्रेलिया, इटली और दक्षिण अफ्रीका में भी पाया गया है।
कोविड का यह नया स्ट्रेन ७० प्रतिशत ज्यादा तेजी से फैल रहा है। इसके खतरे को देखते हुए भारत सरकार ने ब्रिटेन से आने वाली सभी उड़ानों पर २२ दिसंबर रात ११:५९ बजे से ३१ दिसंबर तक के लिए रोक लगा दी है। २२ दिसंबर की रात तक आने वाले सभी यात्रियों की एयरपोर्ट पर ही कोरोना जांच की जाएगी। कोरोना निगेटिव रिपोर्ट वाले लोगों को भी एक हफ्ते तक होम आइसोलेशन में रहना होगा।
नया स्वरूप आगे कमजोर होगा या घातक इसकी नहीं है कोई जानकारी
वायरस अपना स्वरूप बदलता रहता है। ऐसे में ज्यादातर वायरस जहां खुद ही खत्म हो जाते हैं वहीं कभी-कभी कुछ पहले से कई गुना खतरनाक हो जाते हैं। यह प्रक्रिया इतनी तेजी से होती है कि वैज्ञानिक जब तक एक रूप को समझते हैं तब तक दूसरा सामने आ जाता है। ब्रिटेन में मिले कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन को बी.१.१.७ नाम दिया गया है।
वायरस ने पहले भी बदला है स्वरूप
कोरोना वायरस का जो स्ट्रेन चीन के वुहान में मिला था वह अब ज्यादातर देशों में नहीं है। ठीक इसी तरह यूरोप में फरवरी में डी६१४जी प्रकार का वायरस मिला था और अभी दुनियाभर में यही सबसे ज्यादा है। वायरस का ए२२२वी प्रकार उन लोगों में फैला था जो स्पेन में गर्मियों की छुट्टियां मनाकर लंदन वापस लौटे थे।
कहां से आया है वायरस का नया प्रकार
ब्रिटेन में अभी वायरस का जो स्ट्रेन मिला है वह काफी ज्यादा बदला हुआ है। ऐसा हो सकता है कि यह किसी ऐसे रोगी के शरीर में बदला हो, जिसकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता कमजोर थी। फिर आगे कमजोर रोग-प्रतिरोधक क्षमता वाले रोगियों के शरीर में ही इसने मजबूत होकर अपना स्वरूप बदला हो।
तेजी से क्यों फैल रहा है वायरस का नया स्वरूप
दिल्ली स्थित एम्स के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया के मुताबिक वायरस का नया स्वरूप मानव कोशिकाओं में ज्यादा तेजी से चिपकता है। इसलिए यह तेजी से फैल रहा है।