भिलाई। प्रतिष्ठित एनर्जी कंसलटेंट ऑडिटर एवं नगर के जाने माने समाजसेवी एमसी जैन को अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार एनर्जी इन्नोवेटर ऑफ दी ईयर 2020 से सम्मानित किया गया है। उद्योगों में कार्बन उत्सर्जन एवं ईंधन की खपत में कमी लाने के क्षेत्र में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए उन्हें यह पुरस्कार एसोसिएशन ऑफ एनर्जी इंजीनियर्स, एटलांटा (यू एस ए) द्वारा प्रदान किया गया।
एक प्रतिष्ठित ऊर्जा सलाहकार ऑडिटर के रूप में वे इस्पात संयंत्रों, सीमेंट संयंत्रों, थर्मल पावर संयंत्रों, विद्युत वितरण कंपनियों, उर्वरक उद्योगों और अन्य उद्योगों में ऊर्जा दक्षता बढ़ाने एवं उद्योगों से ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। उनके योगदान से अभी तक लगभग 25,000 टन से अधिक तेल (ईंधन) बचा है और कार्बन उत्सर्जन में एक लाख मीट्रिक टन की कमी आयी है। वे जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय मिशन के तहत एनएमईईई (नेशनल मिशन ऑफ एनहांस्ड एनर्जी एफिशिएंसी) के कार्यक्रम पर काम कर रहे है, जिसे प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) द्वारा संचालित और नियंत्रित किया जाता है।
पूर्व में उन्हें छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार 2011 एवं वर्ष 2018 में अभिनव व्यापार मॉडल के लिए मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित किया था. इसके अलावा सोसाइटी ऑफ एनर्जी इंजीनियरस (इंडिया) द्वारा उन्हें वर्ष 2016 में राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वर्तमान में, वे सोसाइटी ऑफ एनर्जी इंजीनियरस (इंडिया) के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. वे इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) के सदस्य, एसोसिएशन ऑफ एनर्जी इंजीनियर्स (अटलांटा यूएसए) के अंतर्राष्ट्रीय सदस्य एवं मॉरीशस सरकार के ऊर्जा मंत्रालय द्वारा मान्यता प्राप्त एनर्जी ऑडिटर हैं। भारत सरकार ऊर्जा मंत्रालय के ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी द्वारा ऊर्जा संरक्षण अधिनियम 2001 के तहत उन्हें मान्यता प्राप्त एनर्जी ऑडिटर इम्पैनल किया गया है।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर व्यावसायिक उपलब्धियों के अलावा, के समाज सेवा के कार्यों में भी बहुत सक्रिय हैं। पिछले कई वर्षों से वे नयनदीप विद्या मंदिर के अध्यक्ष हैं. यह धर्मार्थ आवासीय विद्यालय रोटरी चैरिटेबल ट्रस्ट, भिलाई द्वारा दृष्टि बाधित बच्चों के लिए संचालित किया जाता है। वे आज़ाद हायर सेकेंडरी स्कूल, मरोदा के भी अध्यक्ष हैं जहां गरीब एवं वंचित परिवारों के बच्चे शिक्षा प्राप्त कर रहे है। वे जैन ट्रस्ट और मां शारदा चैरिटेबल ट्रस्ट भिलाई के भी ट्रस्टी हैं। अपने परिवार के 32 सदस्यों को एक साथ देहदान के लिए प्रेरित करने एवं देहदान वसीयत जारी करने के लिए उनका नाम गोल्डन बुक ऑफ़ वल्र्ड रिकॉर्ड में शामिल किया है।
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