एएनआई, नई दिल्ली (एजेंसी)। भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) को अपनी के9 टीम के लिए 17 नए योद्धा मिले हैं। दरअसल, ओल्गा और ओलेश्या नाम की दो बहनों ने हरियाणा के पंचकूला के भानु में आईटीबीपी के ‘राष्ट्रीय श्वान प्रशिक्षण केंद्र’ (एनटीसीडी) में 17 मलिनियोस पिल्लों को जन्म दिया।
पिल्लों को जन्म देने वाली दोनों माएं मलिनियोस नस्ल की हैं। इस नस्ल के जानवर का प्रयोग अमेरिका द्वारा अल-कायदा के मुखिया और खूंखार आतंकी ओसामा बिन लादेन को मारने के लिए चलाए गए ऑपरेशन के दौरान किया गया गया था। आईटीबीपी की ये दोनों योद्धा काउंटर इंसर्जेंसी ग्रिड की दिग्गज हैं और आईटीबीपी के9 ब्रीडिंग सेंटर में मातृत्व का आनंद ले रही हैं।
आईटीबीपी ने कहा, ओल्गा और ओलेश्या की उम्र पांच वर्ष है और उनके पिता जिनका नाम गाला है, आईटीबीपी को अपनी सेवा दे रहे हैं। दोनों बहनों और पिता को छत्तीसगढ़ में वामपंथी अतिवाद इलाके में तैनात किया गया है। इसने बताया, ओल्गा ने नौ पिल्लों को जन्म दिया है। वहीं, ओलेश्या ने आठ पिल्लों को जन्म दिया है। पिल्लों का जन्म 30 सितंबर और चार अक्तूबर को हुआ था।
आईटीबी के एक अधिकारी ने दावा किया कि ओलेश्या और ओल्गा के पास रोड ओपनिंग पार्टी को सैनिटाइज करके और घात लगाकर हमला करने वाले के रूप में कार्य करके सैनिकों की सुरक्षा का एक ट्रैक रिकॉर्ड है। दोनों ने अपने करियर में कई बार आईईडी बम का पता लगाया है, जिससे विभिन्न अभियानों में कई सैनिकों की जान बचाई गई है।
दोनों बहनों के पिता गाला सख्त मिजाज के श्वान हैं, जिन्होंने एडीपी सैनिकों की काफी मदद की है और कभी असफल नहीं हुए। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटित अटल सुरंग के दौरान गाला को सुरक्षा के लिए तैनात किया गया था।
डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल सुधाकर नटराजन के अनुसार, वे आनुवंशिक रूप से शीर्ष श्रेणी के पिल्ले हैं। उन्हें माताओं से सबसे अच्छी आनुवंशिक ताकत मिली है। वे निडर, फुर्तीले और शानदार पिल्ले हैं। आईटीबीपी से इन पिल्लों की अन्य केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की तरफ से भी मांग की गई है।