हिंदी सिनेमा में एंग्री यंग मैन के नाम से प्रसिद्ध रहे अमिताभ बच्चन, उस वक्त के बॉक्स ऑफिस बादशाह शाहरुख खान और जगतसुंदरी ऐश्वर्या राय स्टारर निर्देशक आदित्य चोपड़ा की ब्लॉकबस्टर रोमांटिक फिल्म ‘मोहब्बतें’ मंगलवार को अपनी रिलीज के 20 साल पूरे कर रही है। यह वही फिल्म है जिसके लिए अमिताभ बच्चन ने फिल्म निर्माता यश चोपड़ा से अपनी कहासुनी को किनारे रख उनसे काम मांगा था और यश चोपड़ा ने भी उन्हें फिल्म ‘मोहब्बतें’ में नायिका के पिता का किरदार देकर दोस्ती के इस सिलसिले को फिर से नया कर दिया था।
फराह खान ने साझा की यादें
फिल्म ‘मोहब्बतें’ की मेकिंग में तमाम नामी गिरामी लोगों का हाथ रहा है। लेकिन, इसके निर्देशक आदित्य चोपड़ा को फिल्म के गानों की कोरियोग्राफी में मदद करने वाली फराह खान इस फिल्म में अपने काम को अपने करियर का अहम पड़ाव मानती हैं। वह बताती हैं, “इस फिल्म से पहले मैंने सिर्फ एक गाना कोरियोग्राफ आदित्य के साथ किया था और वह था फिल्म ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे का ‘रुक जा ओ दिल दीवाने’। गाना कितना बड़ा हिट साबित हुआ, ये तो आप जानते ही हैं। इसके बाद मैंने फिल्म ‘दिल तो पागल है’ के कुछ गाने कोरियोग्राफ किए। उस फिल्म को यश जी निर्देशित कर रहे थे और तब मेरे हिस्से में फिल्म के गाने ‘ढोलना’ और ‘भोली सी सूरत’ आए। जब आदि ने मुझसे कहा कि मैं फिल्म ‘मोहब्बतें’ के सारे गाने कर रही हूं तो मेरे उत्साह का ठिकाना नहीं रहा।
यश चोपड़ा बने असिस्टेंट
फिल्म ‘मोहब्बतें’ की शूटिंग के दौरान यश चोपड़ा ने भी बहुत भागदौड़ की। कई बात तो वह अपने बेटे आदित्य के सहायक भी बन जाते थे। फराह खान से इस बारे में पूछो तो वह खुलासा करती हैं, “हां मैंने देखा है कि आदि की मदद के लिए यश जी सभी गानों के दौरान मौजूद रहा करते थे। यहां तक कि कई बार वह धुआं फेंकने वाली मशीन पकड़ कर भी खड़े हो जाते थे। यह काम आमतौर पर सहायक निर्देशक ही करते हैं और निर्देशक से लेकर नृत्य निर्देशक तक की डांट भी खूब खाते हैं। लेकिन, ये पहला ऐसा मौका था जहां मैं गाने के दौरान धुआं फेंक रहे शख्स पर चिल्ला नहीं सकती थी। क्योंकि, इसे यश जी संभाल रहे थे और काम भी वह कोई भी करें, हमेशा परफेक्ट करते थे।” फिल्म में सिनेमैटोग्राफी की जिम्मेदारी मनमोहन सिंह ने संभाली और फिल्म को बिल्कुल किसी कैनवस पर खिंची पेंटिंग की तरह पेश किया।
शाहरुख और ऐश्वर्या की रोमांटिक जोड़ी
कम लोगों को ही पता होगा कि फिल्म ‘मोहब्बतें’ ने शाहरुख खान और ऐश्वर्या राय के करियर में भी एक अहम काम किया है। शाहरुख और ऐश्वर्या निर्देशक मंसूर खान की फिल्म ‘जोश’ में इसके पहले भाई-बहन की भूमिका निभा चुके थे। इसके चलते दोनों को एक रोमांटिक जोड़ी के रूप में एक साथ पेश किया जाना उस समय के हिसाब से बहुत बड़ा रिस्क था। आदित्य चोपड़ा ने ये खतरा उठाया और अपने दृष्टिकोण के हिसाब से दोनों को परदे पर प्रस्तुत करने में कामयाब रहे। फराह कहती हैं, “आदि हर गाने में जो चाहते थे उसको लेकर वह एकदम बेहद स्पष्ट थे। इससे मुझे बड़ी मदद मिली। हर गाने का अपना एक स्क्रीनप्ले था और इसका संगीत भी इसी हिसाब से तैयार किया गया था। उन्हें पता था कि गाने की शुरुआत में क्या होगा, बीच में क्या होगा और आखिर में क्या होगा।
कमाल का गीत-संगीत
फराह खुलासा करते हुए कहती हैं कि ऐश्वर्या के शाहरुख की प्रेमिका होने वाली बात को बड़ी सावधानी से छिपा कर रखा गया था! उनके मुताबिक, “उस वक्त हमें यह जानने की इजाजत नहीं थी कि इस फिल्म में शाहरुख खान बतौर प्रेमिका ऐश्वर्या के ख्वाब देखते हैं या नहीं। वह शाहरुख को जगह-जगह नजर आती थीं और इन प्रेम कहानियों के पीछे छुपी मूल प्रेरणा भी वही थीं। हमने लंदन में शूटिंग की। वहां हम बारिश में भीगकर और हड्डियां कंपा देने वाली ठंडी रातों के दौरान शूटिंग करते रहे। दो गाने फिल्माने के लिए हम स्विट्जरलैंड भी गए थे। मेरी नजर में ‘हमको हमीं से चुरा लो’ इस फिल्म का बेस्ट सॉन्ग था, जिसे वाकई बेहद खूबसूरती से तैयार किया गया था।” फिल्म के गाने आनंद बक्षी ने लिखे थे और संगीत तैयार किया था, जतिन ललित ने।
इसलिए शाहरुख बने ‘बादशाह’
फिल्म के निर्देशक आदित्य चोपड़ा के साथ हुए अपने रचनात्मक गठबंधन को भी फराह बड़े प्यार से याद करती हैं। उनका कहना है, “जैसा कि सभी जानते हैं, आदि निस्संदेह एक बहुत ही सुव्यवस्थित आदमी हैं। मैं सोचा करती थी कि मुझसे ज्यादा हार्डवर्किंग वहां कोई नहीं है और आदि इस मामले में मुझे गिल्टी फील करा देते थे। दरअसल लंचब्रेक के दौरान भी, जब हम लोग खाना खा रहे होते थे, आदि घूम-घूम कर यह सोचा करते थे कि अगला शॉट कैसा होने जा रहा है। मैंने उन्हें कभी लंचब्रेक लेते हुए नहीं देखा। उस वक्त तक मैं शाहरुख के साथ ढेरों फिल्में कर चुकी थी। उदय चोपड़ा, शमिता शेट्टी, जिमी शेरगिल, प्रीति झंगियानी, किम शर्मा और जुगल हंसराज जैसे नए कलाकार दो-तीन महीने की रिहर्सल करते थे और तब शाहरुख आते थे। आते ही शाहरुख पूरा गाना पांच मिनट में सीख लेते थे। चूंकि वह रिहर्सल करने कभी नहीं आते थे और सारे स्टेप्स महज पांच मिनट में सीख जाते थे, तो यह उस कोरियोग्राफी का सबसे ताज्जुब वाला प्रसंग होता था।”
चलते चलते…
ऐश्वर्या के बारे में फराह का कहना है, “ऐश सर से पांव तक एक प्रोफेशनल एक्ट्रेस हैं। इसके चलते उन्होंने दिक्कतें भी खूब उठाईं। कड़ाके की ठंड में वह जम जाती थीं। एक सफेद रंग की लेस वाली साड़ी में भीगती रहती थीं लेकिन उन्होंने कभी उफ तक नहीं की। फिल्म में उनकी और शाहरुख की केमिस्ट्री कुछ और ही है। मुझे लगता है कि दोनों ने ‘एक लड़की थी अनजानी सी’ की पूरी पोएट्री को जिस तरह से निभाया है, उसके चलते ही ये फिल्म क्लासिक फिल्मों की लिस्ट में शामिल हो चुकी है।