भिलाई। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए दुर्ग जिले में टोटल लॉकडाउन लगा हुआ है। जिला कलेक्टर ने अपने विवेक का परिचय देते हुए जिले में 20 सितंबर से लॉकडाउन किया हुआ है। 24 सितंबर से इसमें और सख्ती जोड़ दी गई लेकिन इसका क्या फायदा हुआ यह सबके सामने है। सोमवार को सख्त लॉकडाउन का पांचवा दिन था और इसी दिन दुर्ग में सर्वाधिक 519 नए कोरोना के केस दर्ज किए गए। एक जिले के लिए यह आंकड़ें भयावह हैं।
बता दें कि दुर्ग जिले में कुल कोरोना संक्रमितों की संख्या 10919 तक पहुंच गई है। इनमें से अब तक 8117 मरीज स्वस्थ्य हो चुके हैं। स्वस्थ्य होने वाले मरीजों में 4388 अस्पतालों से और 3729 होम आईसोलेशन से डिस्चार्ज हुए हैं। वहीं जिले में 2706 एक्टिव केस हैं जिनका अलग अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है। जिले में मौतों की बात करें तो अब तक 96 लोगों की कोरोना संक्रमण से मौत हो चुकी है। राजधानी रायपुर के बाद यह सर्वाधिक संख्या है। ऐसे में सवाल उठता है कि जिला प्रशासन द्वारा किसके हित में लॉकडाउन किया गया।
लॉकडाउन के नाम पर केवल बाजार व दुकाने बंद
जिस कोरोना संक्रमण के कारण जिला प्रशासन ने सख्त लॉकडाउन लगाया है उसका असर आम आदमी व बाजारों पर ही पड़ा है। लॉकडाउन के नाम पर बाजार व दुकानें बंद हैं। सब्जी बाजार बंद हैं जिससे लोगों को हरी सब्जियां नहीं मिल रही। वहीं गली मोहल्लों की किराना दुकानों से सारा सामान चोरी छिपे महंगी दरों पर बेचा जा रहा है। कुल मिलाकर लॉकडाउन के नाम पर बाजारों व दुकानों को बंद कर खानापूर्ति कर दी गई। जांच के नाम पर निगम का अमला मुख्यालय के आसपास कार्रवाई कर इतिश्री कर देता है।
जमकर हुई कालाबाजारी
कोरोना संक्रमण के कारण जिला प्रशासन ने लॉकडाउन तो किया लेकिन कालाबाजारी पर अंकुश नहीं लगा पाए। लॉकडाउन लगने के पूर्व दो दिनों में जिस हिसाब से सब्जी बाजारों में भीड़ रही और मनमाने दाम पर सब्जियां बिकी उस पर प्रशासन की नजर नहीं गई। लॉकडाउन के दौरान लोगों के घरों में सब्जियां नहीं हैं ऐसे में आलू और प्याज की कालाबाजारी जारी है। गली मोहल्लों की किराना दुकानों में 80 से 100 रुपए किलो के भाव में आलू व प्याज उपलब्ध है लेकिन प्रशासन को इसकी भनक नहीं।
पिछले 9 दिनों में कम होने के बजाए बढ़े हैं मामले
जिला कलेक्टर की मंशा थी कि सख्त लॉकडाउन होगा तो संक्रमण कम फैलेगा और पॉजिटिव मामलों मेें कमी आएगी। लेकिन ऐसा हुआ नहीं, 20 सितंबर से लॉकडाउन है और इस दौरान कोरोना पॉजिटिव केस कम होने के बजाय बढ़े हैं। सोमवार को दुर्ग जिले में सर्वाधिक पॉजिटिव केस का नया रिकार्ड बना है जबकि जिले में सख्त लॉकडाउन है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक 28 सितंबर की रात तक दुर्ग जिले में 519 नए कोरोना मरीजों की पहचान हुई। जो अब तक का सर्वश्रेष्ठ है।