कंसीव करने या असुरक्षित यौन संबंध, पीरियड न आने या देरी होने पर मन में यही सवाल आता है कि ‘कहीं मैं प्रेगनेंट तो नहीं हूं? ऐसे में होम प्रेगनेंसी किट खरीदकर तुरंत टेस्ट करने की इच्छा होती है, लेकिन अगर आप ठीक तरह से प्रेगनेंसी टेस्ट नहीं करती हैं तो होम प्रेगनेंसी टेस्ट करना थोड़ामुश्किल हो सकता है।
क्या है प्रेगनेंसी टेस्ट
यूरिन यानी पेशाब में ह्यूमन कोरिओनिक गोनाडोट्रोपिन (एचसीजी) नामक हार्मोन की मौजूदगी का पता लगाने के लिए प्रेगनेंसी टेस्ट किया जाता है। यूट्राइन लाइनिंग पर फर्टिलाइज एग के इंप्लांट होने के तुरंत बाद यह हार्मोन रिलीज होता है और हर दो से तीन दिन में इस हार्मोन की मात्रा दोगुनी होती है। आप घर पर भी प्रेगनेंसी टेस्ट कर सकती हैं।
प्रेगनेंसी टेस्ट करने का सही समय क्या है
कई महिलाओं को यह नहीं पता होता है कि प्रेगनेंसी टेस्ट कब करना चाहिए। पीरियड मिस होने के बाद जितना जल्दी हो, उतना जल्दी प्रेगनेंसी टेस्ट कर लेना चाहिए। कभी कभी पीरियड की डेट से कुछ दिन पहले भी प्रेगनेंसी टेस्ट किया जा सकता है। प्रेगनेंसी के दौरान एचसीजी हार्मोन बनता है और पीरियड की तारीख से पहले भी यह हार्मोन बन सकता है।
हालांकि, पीरियड की डेट मिस होने से पहले टेस्ट करने पर रिजल्ट सही न आने की भी संभावना रहती है। पीरियड मिस होने के पहले दिन तक टेस्ट करने के लिए इंतजार करना चाहिए।
प्रेगनेंसी के लक्षण
होम प्रेगनेंसी टेस्ट करने से पहले गर्भावस्था के कुछ शुरुआती लक्षणों से प्रेगनेंसी का पता लगा सकती हैं। भ्रूण के गर्भाशय में इंप्लांट होने पर स्पॉटिंग या हल्की ब्लीडिंग होने, पेट में ऐंठन महसूस होने, ब्रेस्ट में सूजन या छूने पर दर्द होने, थकान महसूस होने, सूंघने की शक्ति बढऩ ेऔर खानपान की आदतों में अचानक बदलाव आना प्रेगनेंसी के कुछ लक्षणों में शामिल हैं।
कब सबसे सही आता है प्रेगनेंसी टेस्ट
होम प्रेगनेंसी टेस्ट का रिजल्ट तभी 99 पर्सेंट सही आता है जब इसे पीरियड मिस होने के पहले दिन और उसके बाद किया जाए। प्रेगनेंसी टेस्ट करने का सबसे सही समय सुबह का होता है क्योंंकि इस समय पेशाब की मात्रा अधिक होती है।
अगर आप मासिक चक्र में बहुत जल्दी टेस्ट कर लेती हैं तो इसका रिजल्ट सही नहीं आ सकता है। वहीं, ठीक तरह से टेस्ट न करने या किट की एक्सपायरी डेट निकलने पर भी टेस्ट का रिजल्ट ठीक नहीं आता है। इसके अलावा निम्न कारकों पर होम प्रेगनेंसी टेस्ट की सटीकता निर्भर करती है :
निर्देशों को कितना फॉलो किया है।
आप कितनी जल्दी प्रेगनेंसी टेस्ट कर सकती हैं।
ओवुलेशन कब हुआ और इंप्लांटेशन में कितना समय लगा।
कंसीव करने के कई दिन बाद भी आप प्रेगनेंसी टेस्ट कर सकती हैं।