भिलाई। श्री त्रिवेणी जैन तीर्थ सेक्टर -6 में आज दशलक्षण पर्व के दौरान उत्तम सत्य धर्म का पूजन किया गया। इस मौके पर श्री जिनेन्द्र देव का मंगल अभिषेक भक्तों ने किया। परम पूज्य श्री 105 विबोध श्री माताजी के अमृत वचनों से शांतिधारा करने का सौभाग्य महावीर प्रकाश निगोतिया, अशोक निगोतिया, प्रशांत जैन को प्राप्त हुआ। इस दौरान विराग सागर के छायाचित्र का अनावरण एवं मंगलदीप प्रज्ज्वलन का सौभाग्य शांतिधारा प्राप्तकर्ताओं को मिला।
जानकारी देते हुए मीडिया प्रभारी प्रदीप जैन बाकलीवाल ने बताया कि आज परम पूज्य 105 विबोध श्री माताजी उत्तम सत्य धर्म पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि दशलक्षण धर्म में सत्य धर्म का बहुत महत्व है। सत्य धर्म बांसूरी के सुरीले स्वर जैसा मीठा होता है। हम सभी दशलक्षण धर्म दिवस में अनेकों वस्तुओं का त्याग तो करते हैं लेकिन सत्य धर्म का पालन नहीं किया तो आपकी धर्मारधना अधूरी है। यदि हमें मोक्षमार्गी बनना है तो सांसारिक जीवन की मोह माया, लोभ, भौतिक सुखों का त्याग करते हुए सत्य को धारण करना होगा। यदि किसी के प्राण बचाने के लिए कभी झूट बोलना पड़ गया तो वह असत्य नहीं कहलाता है बंधुओ बल्कि प्राणरक्षा होती है। ऐसा झूठ सत्य ही रहता है।
माताजी ने कहा कि आज के दौर में सत्य की जगह हम मोबाइल से कई बार झूठे वचनों का प्रयोग करते लगे हैं। माताजी ने आज सत्य धर्म दिवस को लेकर अनेकों उदहारण दिए। उन्होंने कहा कि आज के दौर में वैज्ञानिक भी तर्कों पर आधारित सत्य धर्म को अपने आध्यात्म में स्थान देते हैं। भगवान महावीर स्वामी की दिव्य देशना उनके कैवल्य ज्ञान प्राप्ति के समय मौन रूप में जिनदेशना सत्यधर्म के साथ हुई थी। माताजी ने कहा कि आप सभी सदा सत्य के मार्ग पर ही चलें।