नई दिल्ली (एजेंसी)। सुप्रीम कोर्ट ने पीएम केयर्स फंड को राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (एनडीआरएफ) में ट्रांसफर करने की मांग खारिज कर दी है। अदालत के इस निर्णय के बाद याचिकाकर्ताओं को तगड़ा झटका लगा है। शीर्ष अदालत ने निर्णय सुनाते हुए कहा, पीएम केयर्स फंड चैरिटी फंड की तरह है, इसलिए इसमें जमा रकम को ट्रांसफर करने की कोई जरूरत नहीं है। अदालत ने साफ कर दिया कि कोई भी व्यक्ति या संस्थान एनडीआरएफ में दान कर सकता है।
बता देंं कि कोविड-19 महामारी जैसी किसी भी तरह की आपातकालीन या संकट की स्थिति से निपटने के प्राथमिक उद्देश्य के साथ एक समर्पित राष्ट्रीय निधि की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए और उससे प्रभावित लोगों को राहत प्रदान करने के लिए ‘आपात स्थितियों में प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और राहत कोष (पीएम केयर्स फंड)Ó के नाम से एक सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट बनाया गया है। पीएम केयर फंड को एनडीआरएफ में ट्रांसफर करने एनजीओ ‘सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशनÓ द्वारा अधिवक्ता प्रशांत भूषण के जरिए याचिका दायर की गई।
इस पर फैसला सुनाने हुए शीर्ष अदालत ने कहा, केंद्र सरकार इसकी राशि को उचित जगह ट्रांसफर करने के लिए पूरी तरह स्वतंत्र है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, एनडीआरएफ में योगदान करने के लिए किसी भी व्यक्ति और कॉर्पोरेट्स के लिए कोई वैधानिक बाधाएं नहीं हैं। दरअसल याचिका में कहा गया कि पीएम केयर्स फंड में प्राप्त राशि का कैग द्वारा ऑडिट नहीं किया जा रहा है और इसका खुलासा नहीं किया जा रहा है। अदालत ने 27 जुलाई को इस मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। 17 जून को कोर्ट ने केंद्र को नोटिस जारी किया था। अपने जवाब में केंद्र सरकार ने कहा था कि कोविड-19 महामारी के दौरान पीएम केयर्स फंड को स्वैच्छिक दान के लिए बनाया गया है। यह एनडीआरएफ जैसे सांविधिक फंड से अलग है।