नई दिल्ली। प्राइवेट अस्पतालों को रेमडेसिविर दवा के इस्तेमाल से जुड़ी तमाम जानकारियां साझा करना अनिवार्य होंगी। रविवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया, यूएसएफडीए से अब तक इसे मंजूरी नहीं मिली है लेकिन भारत में मरीजों के हितों का ध्यान रखते हुए आपात स्थिति में ही इस दवा का इस्तेमाल करने की अनुमति दी गई है।
एक दिन पहले मंत्रालय ने ‘कोविड-19 के लिए जारी क्लीनिकल मैनेजमेंट प्रोटोकॉल में गंभीर स्थिति और आईसीयू की जरूरत होने पर एजीथ्रोमाइसिन के साथ हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा के इस्तेमाल किए जाने की सिफारिश वापस लेते हुए आपात स्थिति में रेमडेसिविर, रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए इस्तेमाल टोसीलीजुमैब और प्लाज्मा उपचार की मंजूरी दी थी।
मंत्रालय के अनुसार दवा को निश्चित शर्तों के साथ ही इस्तेमाल में लाया जा सकता है। अस्पतालों को प्रत्येक रोगी की लिखित सहमति सूचना, अतिरिक्त नैदानिक जांच के परिणाम की प्रस्तुति, सभी उपचार किए रोगियों के सक्रिय सर्विलांस के डेटा की प्रस्तुति, जोखिम प्रबंधन योजना के साथ मार्केटिंग के बाद सक्रिय सर्विलांस की रिपोर्ट और गंभीर विपरीत घटनाक्रम इत्यादि की जानकारी साझा करनी जरूरी है। इसके अलावा पहले तीन आयातित बैच की खेप की जांच की जाएगी और इसकी रिपोर्ट केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीको) को सौंपी जाएगी।