सीहोर. मध्य प्रदेश के सीहोर (Sehore) में नववर्ष के पहले दिन सांप्रदायिक सद्भाव की अनूठी मिसाल देखने को मिलती है. इसकी वजह यह है कि नगरीय सीमा से लगे ग्राम पचामा के पास एक ही जगह पर दरगाह और दुर्गा माता के मंदिर मौजूद हैं. हर साल 1 जनवरी को यहां मेला भरता है और हिन्दु तथा मुस्लिम एक साथ दोनों स्थानों पर शिद्दत से सिर झुकाते हैं और बिना किसी भेदभाव के सामाजिक समरसता (Social Harmony) का अनूठा मंजर पैदा करते हैं.
मजार के पास मौजूद है मां दुर्गा की प्रतिमा
दरअसल इस स्थल पर हजरत शाह बाबा की मजार बनी हुई है और मजार के ठीक पास में आदिशक्ति मां दुर्गा की प्रतिमा मौजूद है. श्रद्धा से भरे हुए नागरिक यहां आते हैं और बिना किसी भेदभाव के दोनों धार्मिक स्थल पर सिर झुकाते हैं. इस स्थान पर मन्नत लिए प्रदेश भर से श्रद्धालु आते हैं. इस अवसर पर यहां एक विशाल भंडारे का भी आयोजन किया जाता है, जहां हर वर्ग के लोग एक साथ बैठकर बिना किसी भेदभाव के भोजन ग्रहण करते हैं.
धर्म के नाम रहा साल का पहला दिन
सीहोर में नववर्ष 2019 का पहला दिन धर्म के नाम रहा. नव वर्ष के पहले दिन सीहोर नगर के पश्चिमी छोर पर स्थित प्राचीन सिद्ध विनायक गणेश मंदिर में प्रदेश भर से आए भक्तों का सैलाब उमड़ता है. इस साल भी यहां बहुत लंबी-लंबी लाइनें मंदिर में देखने को मिलीं. लोगों ने विधि विधान के साथ भगवान की पूजा अर्चना की.
स्वयंभू गणेश मंदिर ने बनाया रिकॉर्ड
यहां के पुजारी और प्रबंधक पंडित डॉ चारु चंद्रा व्यास ने बताया कि वैसे तो ये प्राचीन गणेश मंदिर विक्रमादित्यकालीन माना जाता है और यहां के भगवान श्री गणेश को स्वयंभू कहा जाता है. पूरे देश में इस प्रकार के 4 स्वयंभू मंदिर हैं, जिनमें सीहोर का यह मंदिर चौथा स्वयंभू मंदिर कहलाता है. प्राचीन सिद्ध विनायक गणेश मंदिर में आज आए भक्तों की संख्या ने एक नया रिकार्ड बनाया है. भक्तों का मानना है कि साल के पहले दिन भगवान गणेश के दर्शन करना किसी सौभाग्य से कम नहीं है