जम्मू कश्मीर (एजेंसी)। कश्मीर के पुलवामा में गुरुवार सुबह एक कार में लगे आईईडी को डिफ्यूज करके सुरक्षा बलों ने धमाके की बड़ी साजिश को टाल दिया है. पुलवामा के पास एक कार में आईईडी (IED) भर कर रखी गयी थी, जिसकी समय रहते हुए पहचान कर ली गयी। जानकारी के मुताबिक कार को उसकी जगह से हटाकर कहीं और ले जाना संभव नहीं था इसलिए सुरक्षाबलों ने उस कार को वहीं पर नियंत्रित विस्फोट के जरिए उड़ा दिया।
इससे पहले आसपाल के इलाके को खाली करा लिया गया क्योंकि गाड़ी में विस्फोटकों की मात्रा इतनी ज्यादा थी कि इससे तबाही मच सकती थी। कश्मीर जोन के पुलिस प्रवक्ता ने इसकी पुष्टि की है न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, जिस कार में यह आईईडी मिली है, उसपर लगी नंबर प्लेट पर कठुआ का नंबर लिखा हुआ है। सुरक्षाबलों ने पुलवामा के राजपोरा इलाके में स्थित आइनगुंड से इस कार को जब्त किया है।
इस कार में बड़ी मात्रा में आईईडी बरामद हुई है। एजेंसियों को शक है कि इन्हें सुरक्षाबलों के किसी काफिले पर हमले के लिए यहां पर लाया गया था। पुलिस को बुधवार रात को ही खूफिया जानकारी मिली थी कि कुछ आतंकी एक कार में आईईडी लेकर पुलवामा इलाके में जा रहे हैं। सूचना के बाद सुरक्षाबलों ने कार की तलाशी शुरू कर दी। कार को एक आतंकी चला रहा था जो सुरक्षा बलों की फायरिंग देख भाग गया।
कार पर टू व्हीलर की नंबर प्लेट मिली है। कार को बीती रात कब्जे में लिया गया था, लेकिन गुरुवार सुबह आईईडी ब्लास्ट को अंजाम दिया गया। पूरे आइनगुंड रजपुरा इलाके में तलाशी अभियान चलाया गया है। सेना-पुलिस और सीआरपीएफ ने डिफ्यूज करके धमाके को तो रोक दिया लेकिन कई सवाल खड़े हो रहे हैं। क्या फिर से पुललामा में सुरक्षा बलों के खिलाफ साजिश रची जा रही थी। आईईडी लदी कार पर टू व्हीलर की नंबर प्लेट लगी थी। तो क्या आतंकी संगठन पुलवामा पार्ट- 2 की योजना बना रहे थे।
इसी तरह अंजाम दिया गया था 2019 का पुलवामा हमला
साल 2019 में इसी तरह की साजिश के जरिए पुलवामा आतंकी हमले को अंजाम दिया गया था। सीआरपीएफ का काफिला जब जम्मू-कश्मीर राजमार्ग से गुजर रहा था तब विस्फोटक से लदी कार को काफिल में घुसा दिया गया था। धमाके में 45 जवान शहीद हुए थे।इस हमले में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने आईईडी से भरी एक ऐसी ही कार का इस्तेमाल किया था, जिसे सीआरपीएफ जवानों के काफिले की बस से लड़ा दिया गया था।